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मॉब लिंचिंग: NHRC ने सूचीबद्ध नहीं किया, NCRB के पास जानकारी नहीं

आरटीआई के तहत एनएचआरसी और गृह मंत्रालय से मॉब लिंचिंग में घायल और मृत लोगों के बारे में जानकारी मांगी गई थी

Bhasha

देश भर में मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर जारी बहस के बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किए जाने के विषय को अलग से सूचीबद्ध नहीं किया है. जबकि गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एऩसीआरबी) में इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.

सूचना के अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी पर एनएचआरसी ने कहा कि आयोग मॉब लिंचिंग या भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने से जुड़े मामलों के आंकड़ों को अलग से लिस्टेड नहीं करता है. इसलिये इस विषय में दर्ज मामलों के बारे में जानकारी देना संभव नहीं है.


इस बारे में एनसीआरबी ने बताया कि ‘यह जानकारी इस ब्यूरो में उपलब्ध नहीं है.’ मुरादाबाद स्थित आरटीआई कार्यकर्ता सलीम बेग ने एनएचआरसी और गृह मंत्रालय से मॉब लिंचिंग में घायल और मृत लोगों के बारे में जानकारी मांगी थी. इस बारे में दर्ज और रद्द शिकायतों का ब्यौरा मांगा था.

देश भर में बढ़े हैं मॉब लिंचिंग के मामले

आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार, एनएचआरसी ने 20 जुलाई, 2016 को गुंटूर में इंजीनियरिंग के एक छात्र की कथित तौर पर भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने के मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज किया था. इस बारे में आंध्र प्रदेश और वहां के डीजीपी को नोटिस जारी किया गया था. इस संबंध में चार हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था. इस मामले में एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. विभागीय जांच और अन्य प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाया गया है. मामले में रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है.

आयोग ने बताया कि एक अन्य मामला उत्तर प्रदेश के दादरी क्षेत्र का है जो 28 सितंबर, 2015 की घटना है. यह मामला मोहम्मद अखलाक की हत्या से जुड़ा मामला है. जो इस अफवाह के कारण घटी कि उनके परिवार ने घर में गोमांस रखा और खाया. इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, गौतमबुद्ध नगर के डीएम और एसएसपी को नोटिस जारी किया गया.

एनएचआरसी ने बताया कि इस मामले में रिपोर्ट मिल गई है और आयोग इस पर विचार कर रहा है.