लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा करने वाला नेशनल ह्यूमन राइट्स कमिशन के पास इतना भी समय नहीं है कि वो दो मिनट से ज्यादा किसी याचिका पर सुनवाई कर सके. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, एनएचआरसी की सदस्य ज्योतिका कालरा ने गुरुवार को पिछले महीने भावनगर के टिंबी गांव में हुई एक दलित युवक की हत्या के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की.
उन्होंने एसपी पी एल मल से पूछा कि ये घोड़े वाला मामला है न? मुआवजा दिया है परिवार को? क्या स्टेटस है केस का? इसके जवाब में एसपी ने कहा कि मुआवजा जिया जा चुका है और इलाके में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस पेट्रोलिंग भी कर रही है.
कालरा ने एसपी से कहा कि वो डीएम (भावनगर) को लिखें कि वो कम्यूनिटी लीडर्स के साथ समय-समय पर मीटिंग्स करें. ताकि आने वाले समय में ऐसी घटनाएं न हो. महज पांच मिनट में एनआरआरसी पैनल ने दलित युवक की हत्या को लेकर दायर डॉक्टर आशु कुमार और आदित्य मिश्रा की याचिकाओं का निपटारा कर दिया.
आपको बता दें कि पिछले महीने टिंबी गांव में 21 साल प्रदीप राथौड़ नाम के दलित युवा की सिर्फ घोड़ा खरीदने और उसे चलाने को लेकर ऊंची कास्ट के कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी. इस घटना को लेकर काफी बवाल मचा था और जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ था.