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एनसीआर में निर्माण पर लगी रोक हटाने पर NGT शुक्रवार को करेगा विचार

बिल्डरों एवं उद्योगों की ओर से पेश कुछ वकीलों ने एनजीटी से इस आधार पर पाबंदी हटाने की दरख्वास्त दी कि एनसीआर में वायु की गुणवत्ता में सुधार आ गया है

FP Staff

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गुरुवार को दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु की गुणवत्ता पर आंकड़े सौंपने का निर्देश दिया और कहा कि राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र में निर्माण और औद्योगिक गतिविधि पर लगी रोक को उसी आधार पर हटाने के बारे में वह विचार करेगा।

एनजीटी के अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि वह शुक्रवार को मामले को हाथ में लेगा और तबतक उसका आदेश लागू रहेगा.


सुनवाई के दौरान आप सरकार ने एनजीटी से कहा कि उसके निर्देशानुसार आईटीओ क्षेत्र में पानी का छिड़काव किया गया जिससे पीएम 2.5 स्तर घटकर नीचे आ गया है जो दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के निगरानी केंद्र के अध्ययन में सामने आया.

बिल्डरों एवं उद्योगों की ओर से पेश कुछ वकीलों ने एनजीटी से इस आधार पर अपनी पाबंदी हटाने की दरख्वास्त की कि एनसीआर में वायु की गुणवत्ता में सुधार आ गया है. पीठ ने यह कहते हुए कोई आदेश जारी करने से इनकार कर दिया कि इसमें कोई अतिआवश्यकता नहीं है और कोई भी बिल्डर गुरुवार से निर्माण शुरु नहीं करेगा.

उसने कहा कि हम शुक्रवार को आंकड़े पर विचार करने के बाद आदेश देंगे. एनजीटी ने 14 नवंबर को उच्च प्रदूषण स्तर को पर्यावरण एवं 'स्वास्थ्य आपात स्थिति’ करार दिया था.

एनजीटी ने कहा था कि शहर अपने बच्चों को संक्रमित फेफड़े की सौगात न दे. उसने दिल्ली सरकार की ऑड-ईवन योजना से महिलाओं एवं दो पहिया वाहनों को छूट देने से भी इनकार कर दिया था. एनजीटी ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि 10 साल से अधिक पुराने वाहन बिना किसी देरी के सड़कों से हटा लिए जाएं.

एनजीटी ने दिल्ली सरकार को सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्रों की पहचान कर वहां पानी का छिड़काव करने का निर्देश दिया था. उसने दिल्ली-एनसीआर में गैरप्रदूषणकारी उद्योगों तथा जरूरी वस्तुओं बनाने वाली इकाइयों को चलने की इजाजत भी दी थी.