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दिल्ली सरकार के खिलाफ NGT की सख्ती, भरना होगा 5 करोड़ जुर्माना

अधिकरण ने भारी वाहनों को काटकर उनमें से कबाड़ निकालने वाली इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एसटीएफ का गठन किया था, उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पूर्ण स्वतंत्र है

FP Staff

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आम आदमी पार्टी (AAP) को दिल्ली के मायापुरी इलाके में अवैध कबाड़ इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए एक महीने के अंदर कार्य निष्पादन (पूरा किया जाना) गारंटी के तौर पर 5 करोड़ रुपए जुर्माना देने का निर्देश दिया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार एनजीटी ने दिल्ली हाईकोर्ट की पूर्व जज प्रतिभा रानी की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति को 7 सदस्यीय विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के कामकाज पर नजर रखने के निर्देश दिए थे.


दिल्ली सरकार दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है

अधिकरण ने भारी वाहनों को काटकर उनमें से कबाड़ निकालने वाली इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एसटीएफ का गठन किया था. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पूर्ण स्वतंत्र है. साथ ही प्रदूषण फैलाने वालों से उस रकम की वसूली करे जो लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों में शामिल है. एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने दिल्ली के मुख्य सचिव को इस मामले में 11 मार्च को एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.

प्रदूषण फैलाने वाले लोगों से कोई राशि एकत्र नहीं की गई है

सिर्फ इतना ही नहीं उन्हें इस दिन व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश भी दिया गया है. अधिकरण ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा सौंपे गए हलफनामे से पता चलता है कि बिना आवश्यक मंजूरी के अवैध औद्योगिक गतिविधियों में 34 इकाइयों के लिप्त होने के बावजूद प्रदूषण फैलाने वाले लोगों से कोई राशि एकत्र नहीं की गई है. बता दें कि एनजीटी ने एक टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर का संज्ञान लिया था जिसमें मायापुरी में कबाड़ कारोबार के बारे में रिपोर्ट थी.

धुआं वायु प्रदूषण फैलाता है जिससे लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है

उसने कहा था कि दिल्ली के मायापुरी में हर साल 6000 करोड़ रुपए का कबाड़ का कारोबार होने संबंधी खबर के मद्देनजर कार्रवाई शुरू की गई है. खबर में कहा गया था कि इस कथित कारोबार की गतिविधियों में जहरीला धुंआ निकलता है और रासायनिक पदार्थ भी निष्कासित होता है. इस तरह का जहरीला धुआं वायु प्रदूषण फैलाता है जिससे लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है.