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यमुना किनारे शौच किया तो जुर्माना लगेगा 5000

Ravishankar Singh

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने यमुना की सफाई को लेकर एक बार फिर सख्त रुख अख्तियार किया है. एनजीटी ने यमुना की सफाई को आज की जरूरत बताया है.

एनजीटी ने केंद्र को साल 2019 तक यमुना को पर्यटन केंद्र बनाने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश जारी किए हैं. यमुना की सफाई को लेकर सरकारें और एनजीटी समय-समय पर दावे करती रही हैं.


यमुना में प्रदूषण का स्तर बढ़ता  जा रहा है

एनजीटी और सरकार की तरफ से यमुना की सफाई को लेकर कई स्तर पर कदम भी उठाए गए हैं और उठाए जा भी रहे हैं.

लेकिन, यमुना के प्रदूषण के स्तर में कमी आने के बजाए लगातार बढ़ोतरी ही दर्ज की जारी है. यमुना में प्रदूषण के स्तर में लगातार तेजी ने सरकार के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

यमुना पर काम करने वाले लोगों का कहना है कि यमुना पारिस्थितिकी और जल में उगने वाले पौधों, जलचर प्राणी के लिहाज से काफी समृद्धशाली है.

लेकिन, जैसे ही यमुना नदी दिल्ली में प्रवेश करती हैं प्रदूषण की वजह से यमुना का पानी काफी खराब हो जाता है.

1500 करोड़ लगे यमुना सफाई में

बता दें कि यमुना एक्शन प्लान के तहत 1994 से अब तक विभिन्न सरकारें यमुना की सफाई पर 1500 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी हैं.

एनजीटी ने पिछले दिनों यमुना को लेकर कुछ सख्त कदम उठाए हैं. एनजीटी ने यमुना में गंदगी फैलाने और इसके किनारे शौच करने वालों पर पांच हजार रुपए जुर्माना लगाने का आदेश दिया है. साथ ही एनजीटी ने मई 2019 तक यमुना से

67 प्रतिशत प्रदूषण कम करने को कहा है.

एनजीटी ने दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता वाली एक समिति भी गठित की है. समिति यमुना की सफाई से जुड़े काम की देख-रेख करेगी. एनजीटी ने समिति को एक निश्चित अवधि के अंदर समय-समय पर रिपोर्ट भी देने को कहा है.

दिल्ली की कई एजेंसियों ने भी यमुना को साफ करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया है. इन एजेंसियों ने एनजीटी को जानकारी दी है कि नालों से बहने वाले कचरों के लिए प्लांट लगाने की जरूरत है.

एनजीटी ने  तैयार की विशेष कार्ययोजना

एनजीटी ने यमुना सफाई को लेकर विशेष कार्ययोजना तैयार की है. एनजीटी ने यमुना के आसपास किसी भी प्रकार की सामग्री इकठ्ठा करने पर 50 हजार रुपए जुर्माना तय किया है. साथ ही यमुना किनारे शौच करने और कचरा फेंकने पर 5 हजार रुपए जुर्माना का प्रावधान है.

यमुना नदी दिल्ली में 48 किलोमीटर तक फैली हुई है. यमुना नदी दिल्ली में पल्ला से शुरू हो कर जैतपुर तक बहती है. वजीराबाद से ओखला तक की यमुना की लंबाई 22 किलोमीटर है पर 70 प्रतिशत यमुना यहीं पर मैली होती है. यह यमुना की कुल लंबाई का 2 प्रतिशत है.

यमुना नदी दिल्ली की 70 प्रतिशत पानी की जरूरतों को पूरा करती है. लेकिन, दिल्ली में बहने वाली यमुना का अधिकांश हिस्सा अब सीवर में तब्दील हो चुका है. ऐसे में एनजीटी की इस पहल ने सफाई की उम्मीद जगाई है.

लेकिन, एनजीटी के कुछ फैसलों पर काफी मुश्किल आने वाली है. एनजीटी की सबसे बड़ी चुनौती होगी कि खादर इलाके में 11 हजार एकड़ में फैले लोगों को शौच करने से रोकने के लिए निगरानी के लिए विशेष दस्ते की जरूरत होगी.

सबसे बड़ी बात यह है कि कौन कहां शौच कर रहा था अदालत में यह बात साबित करना काफी मुश्किल काम है. खुले में शौच करने वाले लोग 5 हजार रुपए जुर्माना देने में सक्षम नहीं होते है, क्योंकि वे लोग काफी गरीब होते हैं.

दूसरी बात है कि दिल्ली की 48 किलोमीटर सीमा को 24 घंटे लगातार निगरानी करना इतना आसान भी नहीं लग रहा है. साथ ही इसमें भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिल सकता है. क्योंकि भारी जुर्माना से बचने के लिए आरोपी पुलिस को रिश्वत देने की भी पेशकश करेगा.

इन सबके बीच एक बात जो निकल कर सामने आ रही है वह है यमुना को लेकर लोगों में फिर से एक जागरूकता आई है. एनजीटी अध्यक्ष स्वंतत्र कुमार ने कहा है कि वह समय अब दूर नहीं कि जब लोग यमुना नदी के किनारे स्वच्छ हवा में चहलकदमी कर सकेंगे. धार्मिक आयोजनों में यमुना में डुबकी लगाने से भी लोग अब परहेज नहीं करेंगे.