आस्था और पर्यावरण को लेकर एनजीटी ने आजकल काफी सख्त रुख अपना रखा है. पहले अरविंद केजरीवाल के ऑड-ईवन को छूट देने से मना किया, इसके बाद वैष्णो देवी में श्रद्धालुओं की गिनती 50000 रोज तक निश्चित की. अब ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अमरनाथ यात्रा की अनियमित्ताओं पर सख्ती दिखाई है.
एनजीटी ने अमरनाथ यात्रा आयोजित करने वाले श्राइन बोर्ड से सख्ती से सवाल पूछे हैं. ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मंदिर परिसर में नारियल तोड़ने, श्रद्धालुओं की सुविधाओं, वहां शोर मचाने और शौचालयों जैसे मुद्दों पर सवाल पूछे हैं.
प्रदूषण के कारण शिवलिंग के पहले पिघल जाने की खबरें कुछ सालों से लगातार सामने आती रही हैं. इसके अलावा घाटी में मचने वाले शोर से एवलांच का भी खतरा बना रहता है. ऐसे में एनजीटी ने गुफा के आसपास के सारे इलाके को साइलेंस ज़ोन घोषित करने की बात कही है.
एनजीटी ने वहां खुल गई नई-नई दुकानों और उनके आस-पास खुले में बने टॉयलेट्स के न हटने पर भी सख्ती दिखाई है. इसके साथ ही पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट के 2012 के आदेश का पालन अभी तक क्यों नहीं किया गया है?