सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को शपथ ग्रहण के बाद कहा कि मामलों के अविलंब उल्लेख (जिक्र) और सुनवाई के लिए ‘मानदंड’ तय किए जाएंगे.
उन्होंने कहा, ‘जब तक कुछ मानदंड तय नहीं कर लिए जाते, तब तक मामलों के अविलंब उल्लेख की अनुमति नहीं दी जाएगी.’ उन्होंने कहा, ‘हम मानदंड तय करेंगे, उसके बाद देखेंगे कि कैसे मामलों का उल्लेख किया जाएगा. अगर किसी को कल (अगले दिन) फांसी दी जा रही हो या उसे घर से बाहर निकाला जा रहा हो तब हम (अत्यावश्यकता को) समझ सकते हैं.’
इससे पहले बुधवार को दिन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 63 वर्षीय रंजन गोगोई को राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में एक संक्षिप्त समारोह में देश के 46वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ दिलाई. रंजन गोगोई दीपक मिश्रा की जगह देश के चीफ जस्टिस बने हैं.
इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एच.डी देवगौड़ा सहित कई नेता मौजूद थे. लोकसभा में कांग्रेस के विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओब्रायन जैसे विपक्षी नेता भी कार्यक्रम में मौजूद थे.
भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में रंजन गोगोई का कार्यकाल तकरीबन 13 महीने का होगा. वो 17 नवंबर, 2019 को पद से रिटायर होंगे.