नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (NEET) इस साल 6 मई 2018 को होगा. सिंगल विंडो ऑल इंडिया लेवल एग्जाम के तौर पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) इसे आयोजित करेगा. एनईईटी 2018 के जरिए सरकारी कॉलेजों, प्राइवेट कॉलेजों, डीम्ड यूनिवर्सिटीज और सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में एमबीबीएस, बीडीएस की सीटें भरी जाएंगी. हालांकि, एम्स और जेआईपीएमईआर इससे बाहर रहेंगे.
NEET ने पहले के एआईपीएमटी (ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट) और सभी स्टेट-लेवल और यूनिवर्सिटी लेवल एंट्रेंस परीक्षाओं की जगह ले ली है. 2017 के बाद से भारत में मेडिकल और डेंटल एडमिशंस के लिए यह एक कॉमन प्लेटफॉर्म के तौर पर काम कर रहा है.
लंबी देरी के बाद NEET 2018 रजिस्ट्रेशन 8 फरवरी को शुरू हो गए हैं. प्रॉस्पेक्टस को देखने पर पता चलता है कि परीक्षा के दायरे, योग्यता और भाषाओं की संख्या के आधार पर इस परीक्षा में कई बड़े बदलाव किए गए हैं.
NEET 2018 में नया क्या है?
ऊपरी सीमा फिर से लागू हुई- पिछले साल सबसे बड़ा विवाद इस साल फिर से वापस आ सकता है. सीबीएसई ने आश्चर्यजनक रूप से जनरल कैटेगरी के लिए 25 साल की ऊपरी सीमा को लागू किया है. रिजर्व कैटेगरी के छात्रों के लिए यह सीमा 30 साल है. इस ऊपरी सीमा की शर्त पर पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में कई बार सुनवाई हुई. यह लड़ाई इस साल भी जारी रह सकती है.
अटेम्प्ट की सीमा खत्म- NEET में बैठने के लिए अधिकतम प्रयासों की संख्या को इस साल खत्म कर दिया गया है. अधिकतम प्रयासों की संख्या पिछले साल पेश की गई थी. इसके जरिए कोई उम्मीदवार केवल तीन बार ही NEET दे सकता था.
आयुष परीक्षा भी NEET के जरिए होगी- करीब 65,000 एमबीबीएस सीटों और 25,000 बीडीएस सीटों के अलावा NEET 2018 के जरिए सभी आयुर्वेद, योग और नैचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (आयुष) स्नातक कोर्सेज के लिए भी एडमिशन होंगे. इन कोर्सेज में बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस, बीएसएमएस और बीएनवाईएस शामिल हैं.
नई भाषा के तौर पर उर्दू शामिल होगी- NEET में परीक्षा की भाषा के तौर पर उर्दू को शामिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को राजी करने के लिए स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसआईओ) के पिछले साल लंबे संघर्ष के बाद प्रॉस्पेक्टस में उर्दू को NEET 2018 में एक लैंग्वेज ऑप्शन के तौर पर शामिल किया गया है. इससे परीक्षा की भाषाओं की संख्या 11 हो गई है.
आंध्र, तेलंगाना ऑल इंडिया कोटा से जुड़े- जम्मू और कश्मीर के अलावा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना NEET के आने के बाद से 15 पर्सेंट की ऑल इंडिया कोटा स्कीम से बाहर थे. लेकिन ये दोनों राज्य इस साल इसमें शामिल होंगे. इसका मतलब यह है कि इन दोनों राज्यों के सरकारी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में उपलब्ध 15 पर्सेंट एमबीबीएस और बीडीएस सीटें ऑल इंडिया कोट प्रोसेस में हिस्सा लेंगीं.
ओपन स्कूल स्टूडेंट्स योग्य नही- NEET 2018 का सबसे विवादास्पद बदलाव इसकी एलिजिबिलटी क्राइटेरिया है. सीबीएसई ने फैसला किया है कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) के छात्रों को इस साल से NEET में शामिल होने की इजाजत नहीं दी जाएगी. ऐसा तब हुआ है जबकि मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने छात्रों से वादा किया था कि वह इस आदेश को पलटेगा और सभी एनआईओएस छात्रों को परीक्षा में बैठने की इजाजत दी जाएगी. साथ ही बायोलॉजी को कक्षा 11 और 12 के कंपल्सरी कोर सब्जेक्ट में शामिल करना होगा और इसे केवल कक्षा 12 के अतिरिक्त सब्जेक्ट के तौर पर नहीं लिया जा सकता.
दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए आरक्षण में इजाफा- राइट्स ऑफ पर्संस विद डिसेबिलिटी एक्ट, 2016 के लागू होने से डिफरेंटी एबल्ड कैंडिडेट्स के लिए सभी कॉलेजों में आरक्षण मौजूदा 3 पर्सेंट से बढ़कर 5 पर्सेंट हो गया है.
परीक्षा वाले शहरों की संख्या बढ़ी- 2017 के 104 शहरों के मुकाबले, NEET को इस बार देश के 150 शहरों के करीब 2,000 शहरों में आयोजित किया जाएगा.
एप्लिकेशन फॉर्म कब भरे जाएंगे?
NEET के एप्लिकेशन फॉर्म 8 फरवरी से आ गए हैं. इन्हें केवल ऑनलाइन मोड के जरिए सबमिट किया जा सकता है. फॉर्म जमा करने की आखिरी तारीख 9 मार्च 2018 है. उम्मीदवारों (जम्मू और कश्मीर, असम और मेघालय को छोड़कर) को आधार नंबर तैयार रखना होगा क्योंकि फॉर्म भरने के लिए यह अनिवार्य है. जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों को 1,400 रुपये की एप्लिकेशन फीस देनी होगी, जबकि रिजर्व कैटेगरी के उम्मीदवारों को 750 रुपये चुकाने होंगे.
इस साल एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया क्या है?
NEET एलिजिबिलटी क्राइटेरिया के मुताबिक, भारतीय नागरिक, एनआरआई, ओवरसीज सिटीजंस ऑफ इंडिया (ओसीआई) और पर्संस ऑफ इंडियन ओरिजिन (पीआईओ) सभी को परीक्षा में बैठने की इजाजत है.
केवल साइंस स्ट्रीम के ऐसे स्टूडेंट्स जिन्होंने कक्षा 11 और 12 में कोर सब्जेक्ट्स के तौर पर फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और इंग्लिश की पढ़ाई की है, उन्हें ही NEET के जरिए एमबीबीएस और बीडीएस सीटों के लिए एडमिशन की योग्यता हासिल होगी. इन छात्रों को 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी को औसत 50 पर्सेंट अंकों (रिजर्व कैटेगरी के लिए 40 पर्सेंट) के साथ पास करना जरूरी है.
उम्मीदवारों की उम्र इस साल 31 दिसंबर को 17 साल पूरी हो जानी चाहिए. इनका जन्म 7 मई 1993 को या इसके बाद (रिजर्व कैटेगरी के लिए 1988) होना चाहिए.
एग्जाम पैटर्न की जानकारी
NEET पेन-पेपर बेस्ड एग्जाम होगा. इसमें 11 भाषाओं में क्वेश्चर पेपर होगा. इन भाषाओं में हिंदी, इंग्लिश, उर्दू, गुजराती, मराठी, उड़िया, बंगाली, असमी, तेलुगु, तमिल और कन्नड़ शामिल हैं. पेपर पैटर्न में 180 मल्टीपल च्वॉइस सवाल होंगे, जिन्हें 3 घंटे में पूरा करना होगा. 45-45 सवाल फिजिक्स, केमिस्ट्री और 90 सवाल बायोलॉजी के होंगे. बायोलॉजी में बॉटनी और जूलॉजी सब-सेक्शन के तौर पर होंगे. पेपर 720 अंक का होगा.
हर सवाल के लिए 4 अंक होंगे, जबकि गलत जवाब के लिए 1 अंक कट जाएगा. उम्मीदवारों को स्पीड और सटीकता के साथ जवाब देना होगा और हर सवाल के लिए औसतन 1 मिनट का ही वक्त मिलेगा. सिलेबस में क्लास 11 और 12 के विषय होंगे. यह सिलेबस सीबीएसई, एनसीईआरटी और सीओबीएसई से तैयार किया जाएगा.
NEET की तैयारी कैसे करें?
जब आप NEET के लिए तैयारी शुरू करते हैं तो आपका फोकस कॉन्सेप्ट्स और बेसिक्स पर होना चाहिए. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) के NEET 2017 के आयोजन में तैयारी मोटे तौर पर एनसीईआरटी की किताबों पर आधारित थी. ज्यादातर सिलेबस कक्षा 12 बोर्ड और मेडिकल एंट्रेस परीक्षाओं की कॉमन है. हालांकि, राज्य बोर्डों के छात्रों को एनसीईआरटी की किताबों से भी तैयारी करनी पड़ेगी. कोचिंग क्लासेज आपको एनसीईआरटी की किताबों के हिसाब से कड़ी तैयारी कराते हैं. यह सुनिश्चित कर लीजिए कि आपका सिलेबस मार्च तक पूरा हो जाए.
तैयारी के लिए हम कुछ टिप्स दे रहे है-
- बेसिक कॉन्सेप्ट्स को समझें.
- सिलेबस के हिसाब से पढ़ें और हर टॉपिक के वेटेज को देखें.
- सैंपल पेपर और पिछले सालों के प्रश्नपत्र सॉल्व करें.
- रेगुलर तौर पर नोट्स बनाएं.
- रेगुलर तौर पर मॉक टेस्ट दें.
कैसे क्वॉलिफाई करें एग्जाम?
NEET का रिजल्ट 5 जून 2018 को आएगा. क्वॉलिफाई करने के लिए उम्मीदवारों को कैटेगरी के आधार पर पर्सेंटाइल कटऑफ को क्लीयर करना होगा. जनरल कैटेगरी के छात्रों को न्यूनतम 50 पर्सेंटाइल या उससे ज्यादा नंबर लाने होंगे. जबकि ओबीसी/एससी/एसटी कैटेगरी को 40 पर्सेंटाइल या उससे ज्यादा नंबर लाने होंगे. पिछले साल जनरल कैंडिडेट्स को 720 में से कम से कम 131 अंक (50 पर्सेंटाइल) लाने पड़े थे. परीक्षा की कठनाई और उम्मीदवारों की संख्या के आधार पर यह पर्सेंटाइल इस साल बढ़ भी सकती है, हालांकि इसमें बहुत ज्यादा इजाफा नहीं होगा.
रिजल्ट के बाद क्या होगा?
NEET के रिजल्ट के ऐलान के बाद एमबीबीएस और बीडीएस सीटों के लिए काउंसलिंग प्रोसेस अलग-अलग काउंसलिंग संस्थाओं द्वारा शुरू की जाएगी. सभी सरकारी कॉलेजों में 15 पर्सेंट ऑल इंडिया कोटा (एआईक्यू) और सभी डीम्ड और सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में 100 पर्सेंट सीटों के लिए काउंसलिंग डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (डीजीएचएस) द्वारा मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर की जाएगी. राज्य अपनी काउंसलिंग संबंधित काउंसलिंग अथॉरिटीज द्वारा बकाया 85 पर्सेंट स्टेट कोटा के लिए की जाएगी.
सभी योग्य उम्मीदवार ऑल इंडिया कोटा और डीम्ड यूनिवर्सिटी सीटों के लिए आवेदन कर सकते हैं, साथ ही उनकी किसी राज्य कोटा के लिए योग्यता उस राज्य की शर्तों पर टिकी होगी. उम्मीदवारों को ऑल इंडिया कोटा सीट, डीम्ड और सेंट्रल यूनिवर्सिटी सीट और हर राज्य के लिए अलग-अलग एप्लाई करना होगा. एनईईटी 2018 के जरिए एमबीबीएस और बीडीएस क्लासेज की शुरुआत अगस्त से होने की उम्मीद है.
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