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हाईकोर्ट का सीबीएसई से सवाल- NEET में कैसे होंगे एक जैसे प्रश्नपत्र?

कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 10 अक्टूबर तय की है.

Bhasha

हाईकोर्ट ने गुरुवार को सीबीएसई से नीट की परीक्षा से जुड़ा सवाल पूछा है कि सीबीएसई बताए कि अंग्रेजी, हिंदी के साथ ही स्थानीय भाषाओं में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस एग्जामिनेशन के प्रश्नपत्र एक जैसे कैसे होंगे.

जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायाधीशों की बेंच ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह से कहा कि इस संबंध में हलफनामा दायर करें. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 10 अक्टूबर तय की. वह केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के लिए पेश हुए.


सिंह ने पीठ से कहा कि नीट 2017 की परीक्षा में स्थानीय भाषाओं में प्रश्न पत्र अंग्रेजी या हिंदी के अनुवाद से मिलते-जुलते नहीं थे लेकिन वे उतने ही कठिन थे.

याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुई वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि हिंदी और अंग्रेजी की तरह स्थानीय भाषा में प्रश्नपत्र एक समान नहीं थे.

हाईकोर्ट ने पहले नीट 2017 की परीक्षा को ‘अमान्य’ घोषित करने से इंकार करते हुए कहा था कि इससे छह लाख से ज्यादा उम्मीदवार प्रभावित होंगे जिन्होंने मेडिकल और डेंटल पाठ्यक्रमों में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेस एग्जाम पास की है.

इसने कहा था कि नीट के परिणाम को रोकना ‘काफी कठिन’ है क्योंकि 11 लाख 35 हजार उम्मीदवारों में से करीब छह लाख 11 हजार उम्मीदवारों ने इसे पास किया और इसके बाद काउंसिलिंग एवं नामांकन प्रक्रिया जारी है.

नीट परीक्षा 2017 हिंदी और अंग्रेजी के अलावा आठ स्थानीय भाषाओं में आयोजित की गई थी.