छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले के शहीद के परिवार को आखिरकार वो पांच लाख रुपए मिल गए, जिसकी घोषणा बिहार सरकार ने की थी. ये परिवार नवादा का रहने वाला है.
दरअसल, मीडिया में ये खबर आई थी कि शहीद रंजीत के परिवार को जो पांच लाख रुपए का चेक बिहार सरकार की तरफ से दिया गया, वो बाउंस हो गया. इसके बाद सरकार की खूब किरकिरी हो रही थी.
बैंक ने दी सफाई
अब इस मामले में बैंक की तरफ से भी बयान आ गया है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) का कहना है कि ये चेक बाउंस नहीं हुआ था, बल्कि क्लीयरेंस नहीं होने की वजह से ये लाभार्थी के बैंक अकाउंट में वक्त पर नहीं पहुंच पाया. ऐसे में वो तकनीकी दिक्कत दूर करके शहीद के पिता के बैंक अकाउंट में पांच लाख रुपया ट्रांसफर कर दिया गया है.
वहीं, शहीद के परिजनों का कहना है कि जब वो चेक लेकर एचडीएफसी बैंक पहुंचे तो बैंक अधिकारियों ने उन्हें बताया कि ये चेक बाउंस हो गया है. ऐसे में उनके अकाउंट में पैसे नहीं डाले जा सकते हैं.
दरअसल, सुकमा में हुए हमले में शेखपुरा के रहने वाले सीआरपीएफ जवान रंजीत कुमार शहीद हो गए थे. वो फूलचोढ़ गांव के रहने वाले थे.
शहीद की पत्नी सुनीता देवी को शहादत के बाद बिहार सरकार की तरफ से एचडीएफसी बैंक का पांच लाख का चेक भी दिया गया था, लेकिन कथित रूप से यह चेक बाउंस हो गया.
कई दिनों तक लगाते रहे चक्कर
पीड़िता और शहीद की विधवा ने बताया कि चेक को जमुई के अलीगंज स्थित एसबीआई शाखा के अपने खाते में डाल दिया गया, लेकिन करीब एक सप्ताह बाद वहां के बैंक कर्मियों ने चेक बाउंस होने की सूचना दी.
शहीद के परिवार वालों के मुताबिक बैंक कर्मियों ने उन्हें बताया कि एचडीएफसी के चेक में अंकित जिलाधिकारी दिनेश कुमार का हस्ताक्षर नहीं मिलने के कारण चेक बाउंस किया गया.
चेक बाउंस होने के बाद से लगातार शहीद का परिवार उक्त राशि का भुगतान पाने के लिए बैंकों के चक्कर लगा रहा था.
बुधवार को चेक के बाउंस होने का मामला सामने आया तो सबके हाथ पैर-फूलने लगे. मामला जब सामने आया तो जेडीयू ने मामले की जांच कराने की बात कही. पार्टी प्रवक्ता नीरज ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी.