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‘राष्ट्रगान बजने पर खड़ा होना राष्ट्रवाद को नहीं दर्शाता’

ओवैसी ने कहा कि वह राष्ट्रगान या राष्ट्रगीत के खिलाफ नहीं है लेकिन 'मैं इस बात के खिलाफ हूं कि आप बताएं कि यह मेरे राष्ट्रवाद की परीक्षा है'

Bhasha

विभिन्न दलों के नेताओं ने कहा कि थिएटर में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजने पर खड़ा नहीं होना किसी व्यक्ति के राष्ट्रवाद को नहीं दर्शाता है.

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, जेडीयू नेता पवन वर्मा, कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी, पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम और राज्यसभा सदस्य स्वप्न दासगुप्ता ने यह राय व्यक्त की.


थिएटरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजने के समय व्यक्ति के खड़े होने को अनिवार्य बताने वाले हाईकोर्ट के शुरुआती फैसले के बारे में दासगुप्ता ने कहा कि किसी व्यक्ति को 'राष्ट्र गान या गीत की उपेक्षा ना करने' का 'सामान्य रवैया' रखना चाहिए लेकिन राष्ट्रगान बजने के समय खड़े होने के मुद्दे पर आवश्यकता से अधिक ध्यान नहीं देना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'समस्या तब पैदा होती है जब आप राष्ट्रगान के लिए खड़े होने पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देते हैं.' सिंघवी का मानना है कि राष्ट्रगान को निश्चित तौर पर गाने के रूप में थोपा नहीं जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'यहां एक न्यायिक आदेश के जरिए इसे लागू कराया जा रहा है और इसी बात से समस्या पैदा होती है. संसद के जरिए एक कानून बनाइए.'

ऐसी ही राय रखते हुए ओवैसी ने कहा कि वह राष्ट्रगान या राष्ट्रगीत के खिलाफ नहीं है लेकिन 'मैं इस बात के खिलाफ हूं कि आप बताएं कि यह मेरे राष्ट्रवाद की परीक्षा है. मैं इसे स्वीकार नहीं कर रहा हूं. आपको मेरा राष्ट्रवाद या मेरी निष्ठा की परीक्षा लेने का कोई अधिकार नहीं है.'

सभी नेताओं ने टाइम्स लिट फेस्ट में राष्ट्रवाद के मुद्दे पर चर्चा के दौरान यह टिप्पणियां की.