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बाढ़ को लेकर NDMA की डराने वाली भविष्यवाणी, अगले 10 साल में होंगी 16 हजार मौतें

नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी का अनुमान है कि अगले एक दशक में बाढ़ से 47 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति भी बर्बाद होगी

FP Staff

दक्षिण भारत का एक बड़ा हिस्सा इन दिनों प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है. भारी बारिश और बाढ़ की वजह से केरल और कर्नाटक में सैकड़ों लोगों की जान चली गई है. जबकि लाखों लोग बेघर हो गए हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) ने अगले एक दशक (10 साल) में देश में बारिश और बाढ़ का अनुमान लगाया है. उसके अनुमान के आंकड़े डराने वाले हैं.


एनडीएमए का अनुमान है कि अगले 10 साल में बाढ़ की वजह से 16 हजार लोगों की मौत हो जाएगी और 47 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति बर्बाद होगी.

सरकार का पूरा जोर आपदा के डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (डीआरआर) लाने और आपदा से बचाव पर है. जबकि भारत के पास काफी आधुनिक उपग्रह (अडवांस्ड सैटेलाइट) और पूर्व चेतावनी प्रणाली है, जिसकी मदद से मौसम का पूर्वानुमान लगाते हुए मौतों की संख्या में कमी लाई जा सकती है. सरकार की इस पर सारी कवायद कागजों पर ही नजर आती है. जब भी कोई आपदा की स्थिति पैदा होती है, एनडीएमए इस पर गाइडलाइन जारी करने, सेमिनार का आयोजन और बैठक करने तक ही सीमित दिखती है.

समूचा केरल और कर्नाटक के कई जिले इन दिनों भीषण बाढ़ की चपेट में हैं (फोटो: पीटीआई)

गृह मंत्रालय ने 640 जिलों में आपदा के खतरे का आकलन किया

गृह मंत्रालय ने पिछले दिनों देश के 640 जिलों में आपदा के खतरों के बारे में एक आकलन किया है. उसने डीआरआर के आधार पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के प्रदर्शन के आधार पर एक नेशनल रिजिलियेंस इंडेक्स (एनआरआई) तैयार किया है. इसमें खतरे का आकलन, खतरे से रोकथाम और खतरे के दौरान राहत पहुंचाना जैसे मापदंड शामिल हैं. अध्ययन के मुताबिक आपदा और संकट की स्थिति से निपटने में हम काफी पीछे हैं और इसमें अभी काफी कुछ किया जाना है.

हिमाचल प्रदेश को छोड़कर किसी भी राज्य ने विस्तृत रूप से आपदा के खतरों का आकलन नहीं किया है. न ही इस काम में किसी प्रोफेशनल (पेशेवर) एजेंसी से मदद नहीं ली गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि 'गुजरात ने एक दशक पहले आपदा के खतरे का विस्तार से आकलन किया था. लेकिन न तो इसमें कोई अपडेट किया गया और न ही इसे आम जनता के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराया गया.'