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सुप्रीम कोर्ट ने बदला फैसला, सिनेमाघरों में राष्ट्रगान जरूरी नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाया जाना अनिवार्य नहीं है

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाए जाने के अपने आदेश में बदलाव किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाया जाना अनिवार्य नहीं है. 23 अक्‍टूबर, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि सिनेमाघरों और अन्‍य स्थानों पर राष्ट्रगान गाया जाए या फिर नहीं इस पर वे निर्णय ले. सिनेमाघरों में लोग मनोरंजन के लिए जाते हैं ऐसे में राष्‍ट्रगान बजाया जाना चाहिए या नहीं इस पर फैसला सरकार को करना चाहिए.

वहीं इस संबंध में सोमवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है फिलहाल सिनेमाघरों में राष्‍ट्रगान को अनिवार्य न बनाया जाए. इस विषय पर निर्णय अंतर मंत्रालयी कमेटी देगी. इसका गठन सरकार ने कुछ माह पहले ही कर दिया है. यह अगले छह महीने में अपना सुझाव देगी.

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राष्‍ट्रगान को लेकर दिशा-निर्देश तय करने के लिए सरकार ने अंतर मंत्रालयी कमेटी बनाई है जो छह महीने में अपने सुझाव देगी. कमेटी के सुझाव के बाद ही यह तय किया जा सकेगा कि सरकार की ओर से इस संबंध में कोई नॉटिफकेशन या सर्कुलर जारी किया जाए या नहीं.

आपको बता दें कि 30 नवंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रगान को लेकर एक आदेश में कहा था कि देश के सभी सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाएगा. राष्ट्रगान बजते समय सिनेमाहॉल के पर्दे पर राष्ट्रीय ध्वज दिखाया जाना भी अनिवार्य होगा. और सिनेमाघर में मौजूद लोगों को राष्ट्रगान के सम्मान में खड़ा भी होना होगा.