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PMO को प्याज की कमाई भेजने वाले किसान ने PM को लिखी चिट्ठी, कहा- आपको बरगला रहे हैं अधिकारी

किसान ने आरोप लगाया है कि जिस रिपोर्ट में उसके उपजाए प्याज को लो-क्वालिटी का बताया गया है, वो गलत है

FP Staff

कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र के नासिक से एक किसान ने बाजार में प्याज की बिक्री से हुई अपनी 1,064 रुपए की कमाई को प्रधानमंत्री मोदी को भेज दिया था. किसान ने यह कदम इसलिए उठाया था ताकि सरकार को प्याज उत्पादक किसानों की जमीनी स्थिति का पता चल सके.

इसके बाद एक रिपोर्ट पेश की गई थी जिसमें किसान के उपजाए प्याज को लो-क्वालिटी (कम गुणवत्ता) का बताया गया था. लेकिन अब किसान ने आरोप लगाया है कि जिस रिपोर्ट में उसकी प्याज को लो क्वालिटी का बताया गया, वो गलत है.


किसान ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उसकी प्याजों को लेकर गलत जानकारी दी.

पीएम को लिखी चिट्ठी

इस ममाले में किसान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी है. उसने सोमवार को अपनी चिट्ठी में कहा कि अधिकारियों ने उसकी प्याज को लेकर बिना पूछताछ के ही रिपोर्ट बना दी और वो रिपोर्ट गलत है. किसान का नाम संजय साठे है और वो नासिक के निफाड़ तहसील में रहता है.

साठे ने अपनी चिट्ठी में कहा कि , 'मैंने 750 किलो प्याज 1,064 रुपए में बेची. लेकिन राज्य सरकार के अधिकारियों ने बिना किसी पूछताछ के मेरी प्याजों में कालापन बता दिया. साठे ने कहा कि ये रिपोर्ट गलत है. अधिकारी आपको भ्रमित कर रहे हैं.

साठे ने अपनी चिट्ठी में पीएम से कहा कि, मुझे आशा है कि आप इस बात को समझेंगे की अगर अधिकारी आप से झूठ बोल सकता है तो एक आम आदमी को सरकारी ऑफिसों में कितनी परेशानिया झेलनी पड़ती होंगी.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल संजय साठे ने 29 नवंबर को विरोधस्वरूप थोक बाजार में प्याज की बिक्री से हुई अपनी 1,064 रुपये की कमाई प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को भेज दी थी.

इसके बाद, पीएमओ ने अधिकारियों से जमीनी हकीकत जानने और थोक बाजार में 1.41 रुपए प्रति किलो का दाम मिलने के साठे के दावों को सत्यापित करने के लिए अधिकारियों से एक रिपोर्ट मांगी थी.

इसके बाद राज्य सहकारिता विभाग के नासिक जिले के डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय ने रिपोर्ट तैयार की. रिपोर्ट में कहा गया, 'लासलगांव एपीएमसी ने स्पष्ट किया है कि संजय साठे का प्याज मध्यम से कम क्वालिटी वाला और काला रंग लिये था.' हालांकि संपर्क करने पर, लासलगांव एपीएमसी के चेयरमैन जयदत्त होलकर ने कहा कि रिपोर्ट में दी गई जानकारी 'झूठी' है.

(भाषा से इनपुट)