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अब भारत में भी 430 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी बुलेट ट्रेन

नरेंद्र मोदी बुधवार को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ गुजरात के अहमदाबाद में रोड शो करेंगे

FP Staff

नरेंद्र मोदी बुधवार को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ गुजरात के अहमदाबाद में रोड शो करेंगे. इस दौरान वह भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) की आधारशिला रखेंगे.

कितनी तेज चल सकती है


भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क में से एक है. लेकिन, अब तक उसके पास हाई स्पीड ट्रेन नहीं है. इसे बोलचाल की भाषा में बुलेट ट्रेन कहा जाता है. ये ट्रेन 250 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेगी. हालांकि, इसे इस तरह डिजाइन किया गया था कि ये 350 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ सकती थी, लेकिन ये 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है. 15 देशों में उपलब्ध ये ट्रेन विश्व की 10 सबसे तेज चलने वाली ट्रेन में एक होगी. बता दें कि सबसे तेज ट्रेन मैग्लेव है, जो कि चीन के शंघाई में दौड़ती है. इसकी स्पीड 430 किमी प्रति घंटे है.

तैयार होने में कितना समय लगेगा

सरकार ने वादा किया है कि पहली बुलेट ट्रेन पांच साल के अंदर दौड़ेगी. एमएएचएसआर को साल 2015 में कैबिनेट से मंजूरी मिली थी. दो साल के अंदर वहां काम शुरू हो गया है. सरकार ने इससे पहले दिसंबर 2023 डेडलाइन तैयार की थी. हालांकि, नए रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को घोषणा की कि ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद की पहली ट्रिप 15 अगस्त 2022 को पूरा करेगी.

कहां से कहां चलेगी ट्रेन

बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद चलेगी. इस दौरान वह 12 स्टेशन पर रुकेगी. इनमें मुंबई, थाने, विरार, बोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरुच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती स्टेशन शामिल हैं. इसमें मुंबई स्टेशन अंडरग्राउंड रहेगा.

मुंबई से अहमदाबाद पहुंचने में कितना समय लगेगा

अभी मुंबई से अहदाबाद की ट्रेन यात्रा में 7 से 8 घंटे का समय लगता है. हालांकि, बुलेट ट्रेन की सहायता से यात्री ये दूरी दो से तीन घंटे में ही तय कर लेंगे. यदि ट्रेन सिर्फ सलेक्ट किए गए स्टेशन पर ही रुकती है तो ये दूरी सिर्फ दो घंटे 7 मिनट में तय हो सकती है. लेकिन, सभी 12 स्टेशन पर रुकने की वजह से इसमें दो घंटे 58 मिनट समय लगेंगे.

कहां से गुजरेगी ट्रेन

इस हाईस्पीड रेल लिंक के बीच की कुल दूरी 508 किमी है. इसमें 351 किमी का सफर गुजरात में और 156 किमी का सफर महाराष्ट्र में है. इसमें दो किमी का ट्रैक केंद्रशासित प्रदेश दादर और नागर हवेली से भी होकर गुजरेगा.

कितना पैसा लगेगा और कौन देगा

इस प्रोजेक्‍ट पर भारतीय रेलवे और जापान की फर्म शिंकासेन टेक्नॉलजी संयुक्त रूप से काम कर रही है. इसमें पहले रेल लिंक के लिए कुल अनुमानित खर्च 1.05 लाख करोड़ रुपये है. जापान भारत को सॉफ्ट लोन देने के लिए तैयार हो गया है, जोकि पूरे प्रोजेक्ट का 81 फीसदी है.

रेल मंत्रालय के मुताबिक, इस तरह का लोन वर्ल्ड बैंक जैसी संस्था 5 से 7 फीसदी के इंट्रेस्ट पर देती है, जिसके लिए पुनर्भुगतान की अवधि 25 से 30 साल है. हालांकि, जापानी लोन भारत में 0.1 फीसदी के इंट्रेस्ट पर दिया जा रहा है और भारत इसे 50 साल में देगा. भारत सरकार इस लोन को अनुदान के रूप में भी कह सकता है. बची हुई राशि को भारत सरकार सीधे-सीधे वहन करेगी.

कितने लोगों को मिलेगा रोजगार

इस प्रोजेक्ट के कंस्ट्रक्शन में लगभग 20 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी. इनका प्रयोग भविष्य में इसी तरह के प्रोजेक्ट में किया जा सकेगा. भारतीय रेलवे के तकरीबन तीन हजार कर्मचारियों को वर्तमान में जापान में प्रशिक्षित किया जा रहा है. वहीं, लगभग चार हजार लोग हाई स्पीड रेल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट वडोदरा में ट्रेनिंग ले रहे हैं. ये  2020 तक चालू होगा.

क्या अन्य शहरों को भी मिलगी बुलेट ट्रेन

एमएएचएसआर प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जा रहा है. सरकार दूसरे छह लिंक पर हाई स्पीड प्रोजेक्ट की संभावना को देख रही है. इनमें दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता, मुंबई-चेन्नई, दिल्ली-चंडीगढ़, मुंबई-नागपुर और दिल्ली-नागपुर में हाईस्पीड रेल लिंक शा‍मिल है.

(साभार न्यूज 18)