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पान की पिचकारी धरती पर फेंकने वालों को वंदे मातरम कहने का अधिकार नहीं: पीएम मोदी

जो देश की सफाई में लगा है, उसे ही वंदे मातरम बोलने का हक है

FP Staff

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि धरती पर पान की पिचकारी फेंकने वालों को भारत माता की जय बोलने का हक नहीं है. गंदगी फैलाकर हमें वंदे मातरम बोलने का हक नहीं है. जो देश की सफाई में लगा है, उसे ही वंदे मातरम बोलने का हक है. बेटियां कह रही हैं पहले शौचालय फिर शादी.

वह सोमवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में युवाओं को संबोधित कर रहे थे. यहां स्वामी विवेकानंद के शिकागो में दिए भाषण के 125वीं वर्षगांठ पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.


मोदी ने कहा कि कॉलेजों में चुनाव हो रहे हैं. लेकिन किसी पार्टी या नेता ने यह नहीं कहा कि वह कैंपस की सफाई रखेंगे. चुनाव के दौरान या अगले दिन जब आप कैंपस जाते हैं तो वहां केवल गंदगी दिखाई पड़ती है.

प्रधानमंत्री ने युवाओं के एक-दूसरे के राज्यों को जानने की अपील की. उन्होंने कहा - कॉलेज में रोज डे मनाएं जाने का मैं इसका विरोध नहीं करता, लेकिन कभी पंजाब दिवस, केरल दिवस, तमिलनाडु दिवस मनाएं.

सभी छात्र दूसरे राज्यों को समझें. यह अपने हैं. हम कूपमंडूक यानी कुएं के मेंढक नहीं हो सकते. देश की विविधता की बात करते हैं, लेकिन विविधता के इस गौरव को जीने का प्रयास नहीं किया गया.

वहीं विवेकानंद के विचारों के बारे में कहा कि विवेकानंद ने दो शब्दों में भारत की छवि दुनिया के सामने पेश की. जब विश्व को यह जानकारी नहीं थी लेडीज एंड जेंटलमैन के अलावा भी कुछ होता है. ब्रदर्स एंड सिस्टर बोला तो दो मिनट तक तालियां बजती रही.

विवेकानंद ने दुनिया को एकात्मवाद के परिचित करवाया. आज हमारे जीवन में उनके विचारों को उतारने की जरूरत है. उन्होंने जन सेवा को असली सेवा बताया.