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प्रेम विवाह के बाद पीएम की शरण में क्यों पहुंचा केरल का एक जोड़ा

प्रेम विवाद करने के बाद समुदाय के लोगों द्वारा दोनों का कथित बहिष्कार कर दिया गया है

FP Staff

वैसे तो प्रधानमंत्री कार्यालय देश के अहम फैसलों के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार पीएम ऑफिस में एक चिट्ठी आई है. जिसमें एक प्रेमी जोड़े ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है. प्रेम विवाद करने के बाद समुदाय के लोगों द्वारा दोनों का कथित बहिष्कार कर दिया गया है.

प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी गई अपनी अर्जी में पहाड़ी वायनाड जिले में सुदूरवर्ती मननथावडी की 23 वर्षीय सुकन्या ने कहा है कि उसे और उसके पति को साल 2012 में शादी करने के बाद समुदाय के साथ विश्वासघात करने के आरोप में समाज से बहिष्कृत कर दिया गया.


उन्होंने कहा, ‘हमारे समुदाय ने पर्ची छपवाकर हमें विश्वासघाती बताया है.’ अधिकारियों ने रविवार को बताया कि शिकायत हाल में पीएमओ ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के शिकायत बॉक्स और सामाजिक न्याय विभाग को भेजी है. सरकार के निर्देश पर मननथावडी पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

नेता ने की थी अपमानजनक टिप्पणी

दंपति ने डीजीपी को रविवार को एक पत्र भेजकर अपने समुदाय के नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. समुदाय के नेता ने विवाहित जोड़े के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी.

अरूण (27) और सुकन्या यादव समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी मुसीबत तब शुरू हुई जब पांच साल पहले उन्हें प्यार हो गया और उन्होंने शादी करने का फैसला किया.

सुकन्या ने कहा, ‘हमें समाज से बहिष्कृत कर दिया गया क्योंकि हमारा प्रेम विवाह हुआ. हमारी मंदिर में शादी हुई और हमारी शादी का पंजीकरण हुआ. स्थानीय समुदाय के प्रमुख के अनुसार शादी परंपराओं के अनुसार नहीं है.’

दंपति की दो साल की एक बेटी है. बहिष्कृत किए जाने की वजह से वे अपने परिवार के सदस्यों से मिल नहीं सकते हैं, विवाह या अंत्येष्टि जैसे परिवार के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते हैं.