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तीन तलाक पर केंद्र सरकार का अध्यादेश: नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर दिया वादा किया पूरा

तीन तलाक बिल पर अध्यादेश को आखिरकार केंद्रीय कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है.

FP Staff

Triple Talaq Ordinance: तीन तलाक बिल पर अध्यादेश को आखिरकार केंद्रीय कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है. लोकसभा में मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल पास करा लिया था लेकिन ये बिल राज्यसभा से नहीं पास हो सका था उसके बाद से ही ऐसा कहा जा रहा था कि सरकार इसे अध्यादेश के रूप में लेकर आएगी.

अब सरकार के पास तीन तलाक बिल को पास करान  के लिए छह महीने के समय है. यानी संसद के आगामी शीत सत्र तक इस बिल को सरकार को संसद से पास कराना पड़ेगा.


केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मसले पर प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया को जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि 22 मुस्लिम देशों में तीन तलाक की प्रक्रिया को प्रतिबंधित किया जा चुका है. लेकिन भारत जैसे एक धर्मनिरपेक्ष देश में यह प्रक्रिया आज तक जारी है. क्या ये मुनासिब होगा कि आजादी के 70 सालों बाद भी हमारी मुस्लिम बहने तीन तलाक का दंश झेलें. उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश के तीन मुख्य बिंदु हैं.

1-महिला खुद या उसका कोई नजदीकी रिश्तेदार पुलिस में शिकायत करे तभी पुलिस गिरफ्तार करेगी.

2-पत्नी चाहे तो समझौता कर सकती है.

3-मजिस्ट्रेट बेल दे सकता है. लेकिन पत्नी का पक्ष सुनने के बाद ही.

रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ही यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपील की कि इस बिल को राज्यसभा में पास करवाने में मदद करें. उन्होंने कहा ऐसा करना देशहित में होगा. रविशंकर प्रसाद ने मायावती और ममता बनर्जी से भी इस बिल को पास कराने की अपील की है.

इससे पहले जब ये बिल लोकसभा से पास होकर राज्यसभा में पहुंचा था तो इसके कई प्रावधानों पर विपक्षी दलों ने आपत्ति दर्ज कराई थी. विपक्षी दल इस पर और अधिक स्पष्टीकरण के लिए विधेयक को संसदीय समिति के समक्ष भेजने की मांग कर रहे थे. कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इसे लेकर आपत्ति जाहिर की थी. जबकि कई मुस्लिम महिला संगठन जो इसकी लड़ाई लड़ रहे थे उन्होंने इसका स्वागत किया था.

कांग्रेस ने कहा-राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश

केंद्र सरकार द्वारा तीन तलाक बिल पर अध्यादेश लाए जाने के तुरंत बाद कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. सुरजेवाला ने कहा है कि बीजेपी ये अध्यादेश मुस्लिम महिलाओं की भलाई के लिए नहीं बल्कि राजनीतिक फायदा उठाने के लिए लेकर आई है.

'मुस्लिम बेटियों को दिलाकर रहूंगा उनका हक'

करीब एक महीने पहले स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले की प्रचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की कुप्रथा से निजात दिलाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की थी. उन्होंने भरोसा दिलाया था कि सरकार इस मामले में तमाम बाधाओं के बावजूद गंभीर प्रयास कर रही है.

मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा ‘तीन तलाक के कारण मुस्लिम महिलाओं के साथ गंभीर अन्याय होता है. इस कुप्रथा को खत्म करने के लिए हम प्रयासरत हैं. तीन तलाक की कुरीति ने हमारे देश की मुस्लिम बेटियों की जिंदगी को तबाह कर दिया है. जिनको तलाक नहीं मिला है वे भी इस दबाव में गुजारा कर रही हैं.’