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News18RisingIndia: 'एक्ट फास्ट, एक्ट ईस्ट' है पूर्वी भारत के विकास का मंत्र

न्यूज़ 18 के राइजिंग इंडिया कार्यक्रम में दिए मुख्य भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'ईस्ट एक्ट, एक्ट फास्ट' ही वो मंत्र है जिसके जरिए पूर्वी भारत को पिछड़ेपन के जाल से बाहर निकाला जा सकता है.

FP Staff

न्यूज़ 18 के राइजिंग इंडिया कार्यक्रम में दिए मुख्य भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'ईस्ट एक्ट, एक्ट फास्ट' ही वो मंत्र है जिसके जरिए पूर्वी भारत को पिछड़ेपन के जाल से बाहर निकाला जा सकता है.

पीएम ने इस अवसर पर कहा, ' पूर्वी भारत में बड़े स्तर पर ढांचागत विकास के काम रोड और रेल सेक्टर में किए गए हैं. पूर्वी भारत में 12 नए एयरपोर्ट बनाए जाएंगे जिसमें से 6 तो उत्तर-पूर्व के लिए ही होंगे. सिक्किम के लिए पहली बार कॉमर्शियल फ्लाइट की शुरुआत हुई है. जब मैं पूर्वी भारत कहता हूं तो इसमें बंगाल, ओडिशा सहित दूसरे राज्य भी होते हैं. ये क्षेत्र लंबे समय से विकास की दौड़ में पिछड़ता चला आ रहे हैं.'


उत्तर पूर्व की तरफ विशेष ध्यान दिलाते हुए उन्होंने कहा कि अब ये क्षेत्र उपेक्षित नहीं रहेगा. उन्होंने कहा, ' आज मैं मणिपुर में था. पीएम के तौर 28वीं या 29वीं उत्तर पूर्व की यात्रा थी. जो लोग ये सोचते हैं कि हम लोग उत्तर पूर्व पर वोट के लिए ध्यान दे रहे हैं उन्होंने खुद को लोगों के दिलों से काट लिया है. जब अकेलेपन से अलग हटकर हमसे दिल से मिल जाएगा तो यही राइजिंग इंडिया है.'

आजादी के बाद से ही बिजली की समस्या हमारे देश के ग्रामीण इलाकों की समस्या रही है. विशेष तौर से पूर्वी क्षेत्र में. आजादी के की दशक बाद भी 18000 गांवों में बिजली नहीं थी. अब इसके लिए 16000 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. पीएम ने कहा नॉर्थ ईस्ट के 5000 गांवों में बिजली नहीं पहुंच पाई थी.

हेल्थ सेक्टर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में जब हमारी सरकार बनी थी तब मेडिकल में 52 हजार सीटें थीं जो अब बढ़कर 85 हजार हो गई हैं. पीएम मोदी ने बताए हेल्थ के चार स्तंभ बताए- प्रिवेंटिव हेल्थकेयर, अफोर्डेबल हेल्थ केयर, सप्लाई साइड इंटरवेंशन और मिशन रोड इंटरवेंशन.

उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते प्रभाव की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि भारत के बढ़ते प्रभाव के लिए निरंतर काम किया गया है. भारत ने अंतरराष्ट्रीय विषय उठाए हैं. आतंकवाद और कालेधन के विषय को पुरजोर तरीके से उठाया है. जहां पूरा विश्व 2030 तक टीबी को खत्म करने के लिए काम कर रहा है वहीं हमने 2025 तक टीबी से मुक्ति पाने की ठान ली है. और हम ये लक्ष्य हासिल करके दुनिया को दिखा देंगे. राइजिंग इन्हीं सब बातों का प्रतीक है.