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मोदी-शी की 'चाय पर चर्चा', दोनों नेताओं की मुलाकात की ये हैं खास बातें

इसे पिछले साल डोकलाम में 73 दिन तक चले गतिरोध के बाद विश्वास बहाल करने के प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है

Bhasha

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अनौपचारिक बैठक के समापन के बाद स्वदेश लौट आए. दोनों नेताओं के बीच किसी औपचारिक समझौते पर करार तो नहीं हुआ लेकिन कई मुद्दों पर गंभीरता से बात हुई.

आतंकवाद, भारत-चीन सीमा विवाद, अफगानिस्तान में साझा आर्थिक परियोजना, मनोरंजन आदि विषयों पर दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी. दोनों वैश्विक नेताओं की मुलाकात में क्या रहीं खास बातें आइए जानते हैं.


-प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में एक संयुक्त आर्थिक परियोजना पर काम करने के लिए सहमति जताई है. उनकी यह पहल पाकिस्तान को परेशान कर सकती है.

-विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाले दोनों देशों के प्रमुखों के बीच पहली अनौपचारिक शिखर बैठक में इस बात सहमति बनी है. दो दिन की यह बैठक शनिवार को समाप्त हो गई.

-दोनों देशों के अधिकारी भविष्य में होने वाली चर्चाओं में परियोजना की पहचान करेंगे और उसके तौर-तरीकों और रूपरेखा पर काम करेंगे.

-मोदी और शी चिनफिंग ने खूबसूरत ईस्ट लेक के किनारे सैर की और बाद में एक ही नौका पर सवार होकर दोस्ताना माहौल में शांति, समृद्धि और विकास’ पर बात की. दोनों नेताओं और उनके अनुवादकों के अलावा कोई भी उनके साथ मौजूद नहीं था.

-मोदी ने शी के साथ बिना अनुवादकों की सहायता के सीधे बातचीत की. इसे पिछले साल डोकलाम में 73 दिन तक चले गतिरोध के बाद विश्वास बहाल करने और संबंध सुधारने के प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है.

-दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंध को ‘मजबूत’ करने पर विचार विमर्श किया और संचार को मजबूत करने और विश्वास और समझ बनाने में अपनी-अपनी सेनाओं का कूटनीतिक तौर पर निर्देश देने का फैसला किया.

-दोनों नेताओं ने आतंकवाद को साझा खतरा बताया और आतंकवाद विरोध पर सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई. मोदी ने शी के साथ अगली अनौपचारिक शिखर वार्ता अगले साल भारत में आयोजित करने की पेशकश दी जिसपर चीनी राष्ट्रपति ने सकारात्मक जवाब दिया.

-दोनों नेताओं ने साल 2014 में अनौपचारिक बैठकों की शुरुआत की थी जब मोदी ने गुजरात में महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में शी की मेजबानी की थी. तब से लेकर अब तक उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय बैठकों में एक-दूसरे से मुलाकात की.

-साल 2014 में सत्ता में आने के बाद यह मोदी की चीन की चौथी यात्रा है. उन्हें 9-10 जून को किंग्दाओ शहर में एससीओ सम्मेलन में भाग लेने के लिए फिर चीन आना है. चीन के उप विदेश मंत्री कोंग शुआनयोउ और भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई और अन्य अधिकारियों ने मोदी को विदा किया.