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बिहार में नैंसी हत्याकांड और नीतीश सरकार पर उठते सवाल

बिहार के मधुबनी जिले में पिछले 25 मई को एक 12 साल की नाबालिग लड़की का अपहरण के बाद हत्या कर दी जाती है

Ravishankar Singh

बिहार के मधुबनी जिले में एक 12 साल की लड़की की निर्मम तरीके से की गई हत्या ने देश को हिला कर रख दिया है. नैंसी झा नाम की लड़की के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने को लेकर देशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.

दिल्ली के जंतर-मंतर पर बिहार से ताल्लुक रखने वाले सैकड़ों लोगों ने नैंसी को इंसाफ दिलाने को लेकर प्रदर्शन किया. जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने वाले लोगों ने बिहार सरकार के रवैये पर भी सवाल उठाए.


क्या है पूरा मामला?

हम आपको बता दें कि बिहार के मधुबनी जिले में पिछले 25 मई को एक 12 साल की नाबालिग लड़की का अपहरण के बाद हत्या कर दी जाती है.

पीड़ित परिवार जब पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचती है तो पुलिस आरोपी को ढूंढने के बजाए परिवार के ही दो सदस्यों के साथ ज्यादती करने लगती है.

परिवार के सदस्यों के विरोध और ऊपर के अधिकारियों के बीच-बचाव के बाद स्थानीय पुलिस परिवार के लोगों को छोड़ देती है.

जंतर-मंतर पर नैंसी झा के न्याय के लिए एकत्र लोग (तस्वीर: रविशंकर सिंह)

जबकि, पीड़ित परिवार ने शक के आधार पर जिन दो लोगों के नाम पुलिस को दिए थे. बाद में दिए उन्हीं दो नामों में से एक व्यक्ति नाबालिग लड़की नैंसी का हत्यारा निकलता है.

25 मई को लापता लड़की की लाश 28 मई को सुबह उसी गांव के नदी के किनारे एक खेत में मिलती है. नाबालिग लड़की की लाश जिस स्थिति में बरामद हुई है वह वाकई ही सभ्य समाज में रहने वाले लोगों के लिए रोंगटे खड़े करने वाला है.

लड़की के शरीर पर तेजाब डाले गए थे. लड़की के दोनो हाथों के नसें काट दी गई थी. लड़की की गला को भी बड़ी निर्ममता से रेत दिया गया था.

बिहार पुलिस के मुताबिक नैंसी की बुआ की शादी 26 मई को थी. हत्या में गिरफ्तार आरोपी नहीं चाहता था कि नैंसी की बुआ की शादी 26 मई को हो. इसलिए, आरोपी ने नैंसी का अपहरण का प्लान तैयार किया. शादी से ठीक एक दिन पहले हत्या में गिरफ्तार आरोपी नैंसी का अपहरण कर लेता है.

हालांकि, नैंसी की बुआ की शादी तय तारीख पर ही हो जाती है. शादी से परेशान और पहचान उजागर हो जाने के डर से आरोपी ने नैंसी को बड़ी निर्मम तरीके से हत्या कर देता है.

बिहार के बिगड़ते हालात 

नैंसी की हत्या ने एक बार फिर से बिहार में गिरते कानून व्यवस्था का पोल खोल दिया है. बिहार पुलिस पिछले एक-दो सालों से अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रही है.

बिहार के मुख्यमंत्री एक तरफ लड़कियों के बारे में सरेआम अपनी चिंता जाहिर करते हैं. बिहार में दहेज प्रथा को लेकर नए आंदोलन की बात करते हैं तो दूसरी तरफ उनकी पुलिस तीन दिन तक एक नाबालिग का मरने का इंतजार करती है.

बिहार में पिछले कुछ सालों से युवतियों के साथ रेप और अपहरण की घटना आम हो गई है. सूबे में कानून व्यवस्था पिछले कुछ सालों से बिल्कुल चरमरा सी गई है.

बिहार में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं और सरकार की विफलता पूरे बिहार में उग्र रूप धारण कर सकती है. विपक्ष लगातार राज्य में गिरते कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर सवाल खड़े कर रही है.