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नजीब अहमद की तलाश में दिल्ली पुलिस, अब भी खाली हाथ

सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस नजीब अहमद मामले से हाथ खींचने की तैयारी कर रही है.

Ravishankar Singh

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के लापता छात्र नजीब अहमद की तलाश की जंग दिल्ली पुलिस के लिये दिनोदिन भारी पड़ती जा रही है. बड़े-बड़े मामलों को सुलझाने वाली दिल्ली पुलिस के हाथ नजीब अहमद के मामले में अब तक खाली हैं. दिल्ली पुलिस की 12 टीमें नजीब अहमद के मामले को सुलझाने में लगी हुई है.

हर रोज क्राइम ब्रांच के जॉइंट पुलिस कमिश्नर दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को अपडेट कर रहे हैं. लेकिन सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस अब इस मामले से हाथ खींचने की तैयारी कर रही है. अभी तक के सर्च ऑपरेशन में दिल्ली पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा है.


दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने नजीब के कई मोबाइल नंबरों के डिटेल्स लिए हैं. क्राइम ब्रांच यह भी पता लगाने में लगी हुई है कि नजीब किसी आतंकी संगठन के बहकावे में तो नहीं आया है.

लाई डिटेक्टर टेस्ट से खुल सकते हैं राज

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जेएनयू के 9 संदिग्ध छात्रों के लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिये हाईकोर्ट से इजाजत ले ली है. सूत्रों के मुताबिक नजीब के रूम पार्टनर और जेएनयू के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कुछ छात्रों का लाई-डिटेक्टर टेस्ट काराया जाएगा. दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच के डीसीपी डॉ राम गोपाल का कहना है कि बहुत जल्द ही सभी का लाई-डिटेक्टर टेस्ट करा लिया जाएगा.

कौन हैं वे छात्र ?

जिन 9 छात्रों का लाई डिटेक्टर टेस्ट होना है, उनमें सात नाम ऐसे हैं जो जेएनयू से पढ़ाई कर रहे हैं जबकि दो ऐसे नाम हैं जो अवैध तरीके से कैंपस में रह रहे थे. पुष्पेंद्र कुमार झा, अर्णब चक्रबर्ती, सुनील प्रताप सिंह, ऐश्वर्य प्रताप सिंह, विक्रांत कुमार, अंकित कुमार राय और विजेंद्र ठाकुर जेएनयू में अभी भी पढ़ाई कर रहे हें. जबकि अभिजीत कुमार झा और संतोष कुमार कॉलेज कैंपस में अवैध रूप से रह रहे थे.

14 अक्टूबर से गायब नजीब

एमएससी प्रथम वर्ष का छात्र नजीब 14 अक्टूबर से जेएनयू कैंपस के अपने हॉस्टल से लापता है. लापता होने से पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ कथित झड़प हुई थी.

दिल्ली पुलिस पर अनदेखी के आरोप लगे थे

प्रतीकात्मक तस्वीर

लापता छात्र नजीब की मां फातिमा नफीस ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस से अपने बेटे को अदालत के सामने पेश करने की मांग की थी. हाईकोर्ट ने 14 दिसंबर को दिल्ली पुलिस को आदेश दिया था कि डॉग स्कवॉड के साथ पूरे जेएनयू कैंपस की तलाशी किया जाए.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस के 600 जवान जेएनयू कैंपस में दाखिल हुए थे. दो दिनों तक चले इस सर्च ऑपरेशन में खोजी कुत्तों और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि सूत्रों के अनुसार, पुलिस के दो दिनों तक चले सर्च ऑपरेशन में कोई सुराग नहीं मिला.

दिल्ली पुलिस नजीब मामले पर बोलने से बच रही है

इस मसले पर दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी ऑन द रिकॉर्ड बात करने से बच रहे हैं. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के अनुसार पूरे मामले का राजनीतीकरण होने की वजह से हालात सुधरने की बजाए बिगड़ रहे हैं . माना जा रहा है कि बढ़ते दबाव के चलते दिल्ली पुलिस के बड़े अधिकारी बहुत जल्द ही नजीब मसले पर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.