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मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड: सीबीआई के जवाब से नाराज हाईकोर्ट ने दिए नए सिरे से जांच के आदेश

सीबीई के जवाब से नाराज पटना हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच नए सिरे से करने के आदेश दिए.

Ravishankar Singh

पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ यौन शोषण मामले की जांच कर रही सीबीआई को एक बार फिर से फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने अपनी पिछली सुनवाई में मामले की जांच करने वाले एक अधिकारी के तबादले पर बंद लिफाफे में जवाब मांगा था, लेकिन सीबीई के जवाब से नाराज पटना हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच नए सिरे से करने के आदेश दिए.

बता दें कि बीते सोमवार को पटना हाईकोर्ट में एक मुहरबंद लिफाफे में सीबीआई ने रिपोर्ट सौंपी थी. सीबीआई के वकील संजय कुमार ने पटना हाईकोर्ट में जमा की. यह मामले की जांच में हुई प्रगति और इस मामले की जांच कर रहे सीबीआई के एसपी जेपी मिश्र के स्थानांतरण से जुड़ा था.


पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार को राज्य के सभी बालिका गृह के बारे में रिपोर्ट सौंपने को कहा है. पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में दो सदस्यों की खंडपीठ ने सीबीआई जांच की मॉनिटरिंग स्पेशल डायरेक्टर को करने को कहा है. सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर अब पूरे मामले की जांच की मॉनिटरिंग करेंगे. कोर्ट ने सीबीआई को एक एसआईटी गठित करने का भी निर्देश जारी किया है. इस केस में अभी तक के जांच से हाईकोर्ट काफी अंसतुष्ट नजर आया.

कोर्ट में सीबीआई के पटना रेंज के डीआईजी संजय कुमार ने रिपोर्ट सौंपते हुए कहा कि रिपोर्ट में दो पहलू शामिल हैं, जांच की प्रगति रिपोर्ट और इसके एसपी जेपी मिश्रा का तबादला.

हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर मंगलवार को भी सुनवाई की थी, जिसमें कोर्ट ने सभी पीड़ितों को मुआवजा देने के आदेश दिए थे. हाईकोर्ट ने बिहार स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी को तीन सप्ताह के अंदर मुआवजा राशि का भुगतान पीड़ितों को सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया था. बता दें, अदालत ने गत 23 अगस्त को इस मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट जमा करने में विफल रहने पर सीबीआई की खिंचाई की थी. अदालत ने गत छह अगस्त को सीबीआई को मामले की जांच में हुई प्रगति के संबंध में रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था.

इस मामले की जांच कर रहे जे.पी. मिश्र का ट्रांसफर गत 21 अगस्त को पटना के उपमहानिरीक्षक मुख्यालय कर दिया गया था. अदालत ने इस मामले की जांच से संबंधित बातें मीडिया में लीक होने पर नाराजगी जताई थी और मीडिया में प्रकाशन और दिखाए जाने पर रोक लगा दी थी.

बीते दिनों मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले की जांच कर रहे सीबीआई के एसपी जे.पी. मिश्रा के तबादले पर बिहार में संग्राम मच गया था. विपक्षी पार्टियों का आरोप था कि सीबीआई अधिकारी का तबादला नीतीश कुमार के राजनीतिक रसूख के कारण हुआ है. आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने एसपी के तबादले पर सवाल खड़ा किया था. दूसरी तरफ पटना हाईकोर्ट ने भी जांच के बीच में ही एसपी के तबादले पर सीबीआई से जवाब-तलब किया था.

जेपी मिश्रा की जगह इस केस की जांच की जिम्मेदारी लखनऊ रेंज के सीबीआई एसपी देवेंद्र सिंह को दी गई थी. देवेंद्र सिंह के पास यह अतिरिक्त जिम्मेदारी थी. जबकि, जेपी मिश्रा शुरुआती दिनों से ही यह केस देख रहे थे. मिश्रा की देखरेख में ही बिहार के पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति से पिछले दिनों लंबी पूछताछ हुई थी. इस घटना के सामने आने के बाद ही बिहार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था. मंजू वर्मा के पति पर शेल्टर होम के संचालक ब्रजेश ठाकुर से करीबी संबंध होने का विपक्ष लगातार आरोप लगा रहे थे.

बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में बच्चियों के साथ यौन शोषण की मॉनिटरिंग खुद पटना हाईकोर्ट कर रहा है. ऐसे में पटना हाईकोर्ट ने भी सवाल उठाया कि बना उसकी सहमति लिए इस जांच से जुड़े एक अधिकारी का तबादला कैसे कर दिया गया? हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में जमकर फटकार लगाई. हाईकोर्ट ने सीबीआई को केस से जुड़ी स्टेटस रिपोर्ट को कोर्ट में पेश नहीं करने पर भी लताड़ लगाई थी. साथ ही कहा था कि सीबीआई बताए कि जांच के बीच में ही एसपी का तबादला कैसे कर दिया गया?