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यूपी में निकाह का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य, मुस्लिम संगठनों ने किया स्वागत

राज्य के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि- सभी धर्मों के लोगों से विचार-विमर्श के बाद फैसला लिया गया

FP Staff

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में होने वाले निकाह समेत सभी विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के फैसले का मुस्लिम संगठनों ने स्वागत किया है. आल इंडिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमडब्लूपीएलबी) की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने कहा कि यूपी में सभी धर्मों के लोगों के विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर राज्य सरकार ने सही कदम उठाया है.

बोर्ड की महासचिव राबिया संदल ने कहा कि यह उत्तर प्रदेश सरकार का अच्छा कदम है और हम इसका स्वागत करते हैं. महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से यह कदम मील का पत्थर साबित होगा. आल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएसपीएलबी) के प्रवक्ता यासूब अब्बास ने कहा कि निश्चित तौर पर यह अच्छा कदम है. हम इसका दिल से स्वागत करते हैं. हमारा मानना है कि इस फैसले से महिलाओंं की सुरक्षा बढ़ेगी क्योंकि पति द्वारा छोड़ दिए जाने पर अधिकतर महिलाओं को सामाजिक स्तर पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है.


आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा कि विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किए जाने से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन एेसा कोई प्रावधान ना हो, जिससे यह स्थिति बने कि रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है तो माना जाए कि विवाह ही नहीं हुआ.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

सभी धर्मों से विचार-विर्मश के बाद लिया गया फैसला

राज्य के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि सभी धर्मों के लोगों से विचार-विमर्श किया गया है. एक समुदाय विशेष के लोगों ने कहा कि निकाह में फोटो नहीं लगती. इस पर सरकार ने कहा कि अगर आपको आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र पर फोटो लगाने में आपत्ति नहीं है तो इसमें (निकाह) भी समस्या नहीं होनी चाहिए.

राबिया संदल ने कहा कि सामान्य निकाहनामा में दूल्हा और दुल्हन की फोटो नहीं लगी होती है.

मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में होने वाले विवाहों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया.

‘उत्तर प्रदेश विवाह पंजीकरण नियमावली 2017’ के तहत संपन्न हुए विवाह या पुनर्विवाह, जहां विवाह के पक्षकारों में से कोई एक राज्य का स्थायी निवासी हो अथवा विवाह राज्य की सीमा के अंदर संपन्न हुआ हो, का रजिस्ट्रेशन कराया जाना अनिवार्य होगा. नियमावली में कहा गया है कि विवाह के पक्षकार स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की वेबसाइट पर निर्धारित प्रारूप पर या राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित प्रारूप पर पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन कर विवाह का रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे.