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UP-बिहार में 51 मंदिर बनवा रहा है यह मुस्लिम बिजनेसमैन, दान में दी संपत्ति

शाइन ग्रुप ऑफ कंपनीज़ के डायरेक्टर राशिद नदीम ने समाज में धार्मिक सद्भावना को बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है. उनके मुताबिक, इस प्रयास से 'अवध की गंगा-जमुनी तहजीब' को बचाए रखा जा सकता है

FP Staff

आज जब लोग धर्म के नाम पर मरने-मारने को उतारू हो जाते हैं. लखनऊ के एक बिजनेसमैन ने धार्मिक सौहार्द और भाईचारे का परिचय देते हुए अपनी जमीन और पैसे मंदिर बनाने के लिए दान में देने का फैसला किया है. उन्होंने यूपी और बिहार में अलग-अलग जगहों पर 51 मंदिर बनाने के लिए अपनी संपत्ति दान देने की घोषणा की है.

शाइन ग्रुप ऑफ कंपनीज़ के डायरेक्टर राशिद नदीम ने समाज में धार्मिक सद्भावना को बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है. राशिद के मुताबिक, उनके इस प्रयास से 'अवध की गंगा-जमुनी तहजीब' को बचाए रखा जा सकता है.


बता दें कि गंगा-जमुनी तहजीब को हिंदू-मुस्लिम एकता से जोड़कर देखा जाता है. न्यूज़18 से बातचीत करते हुए राशिद ने कहा, 'मेरे मुस्लिम होने का यह मतलब नहीं कि मैं दूसरे धर्मों की बेहतरी के लिए काम नहीं कर सकता. मुझे लगता है कि यह समाज में सद्भावना और भाईचारे को बढ़ाने की दिशा में एक कदम है.'

इलाहाबाद-वाराणसी हाईवे पर राशिद के सहयोग से बन रहा पहला मंदिर लगभग बनकर तैयार है. सावन के पावन महीने में इसके उद्घाटन की तैयारी है.

इलाहाबाद से ताल्लुक रखने वाले राशिद ने वर्ष 2013 में बिल्डर के रूप में शुरुआत की थी. अपने काम में उन्हें कामयाबी मिलती गई. आज उनके ट्रैवल-टूरिज्म, वॉटर प्यूरिफायर समेत कई बिजनेस हैं.

राशिद नदीम

प्रधानमंत्री मोदी को मानते हैं अपना आदर्श

उन्होंने कहा, इस साल के अंत तक हमारा टारगेट (लक्ष्य) 21 मंदिरों को बनाने का है. 2019 खत्म होने तक हम उत्तर प्रदेश और बिहार में अलग-अलग जगहों पर कुल 51 मंदिर बनाएंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना आदर्श मानने वाले राशिद अपने कारोबार के सिलसिले में हर महीने लगभग 50 हजार किलोमीटर की यात्रा करते हैं.

उन्होंने कहा कि, जब हमारे प्रधानमंत्री इतनी यात्रा करते हैं, तो मैं क्यों नहीं कर सकता. काम के सिलसिले में यात्रा करना हमेशा अच्छा होता है. मेरे लिए यात्रा करना बोरिंग काम नहीं है.