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26/11 के शहीद तुकाराम ओंबले की बेटी को आज भी है पिता का इंतजार

'हम महसूस करते हैं कि पापा किसी भी क्षण घर लौट जाएंगे. हालांकि हमें यह पता है कि वह अब कभी नहीं आएंगे'

FP Staff

2008 के मुंबई हमले के दौरान मुंबई पुलिस के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर तुकाराम ओंबले ने केवल एक लाठी के सहारे अजमल आमिर कसाब जैसे आतंकवादी को जिंदा पकड़ा था. इस कोशिश में वो खुद शहीद हो गए थे. रविवार को 26/11 हमले की बरसी है और बेटी वैशाली ओंबले आज भी अपने पिता की घर वापसी का इंतजार कर रही है.

नम आंखों से अपने पिता को याद करते हुए वैशाली ओंबले कहती हैं, 'हम महसूस करते हैं कि पापा किसी भी क्षण घर लौट जाएंगे. हालांकि हमें यह पता है कि वह अब कभी नहीं आएंगे.'


एमएड की पढ़ाई कर चुकी वैशाली टीचर बनना चाहती हैं. उन्होंने कहा, 'हम अक्सर यह सोचा करते हैं कि पापा ड्यूटी पर गए हैं और वह घर लौट आएंगे. हमने उनके सामानों को घर में उन्हीं जगहों पर रखा है जहां वो पहले रहते थे. उनके इस सर्वोच्च बलिदान पर हमारे परिवार को गर्व है.'

वैशाली आगे कहती हैं, 'नौ साल बीत गए, लेकिन ऐसा एक दिन नहीं बीता, जब हमने उनको याद न किया हो'. वैशाली अपनी मां तारा और बहन भारती के साथ वर्ली पुलिस कैंप में रहती हैं. भारती राज्य सरकार के जीएसटी विभाग में अधिकारी हैं.

जिस जगह पर कसाब पकड़ा गया था वहां अब शहीद तुकाराम ओंबले की मूर्ति लगाई गई है. शहीद ओंबले को उनकी इस वीरता के लिए अशोक चक्र से नवाजा गया है.