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हिंगोट युद्ध पर रोक की गुहार, एमपी हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

दिवाली के अगले दिन खेले जाने वाले हिंगोट युद्ध की सालाना परंपरा में इस साल एक युवक की मौत के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है

Bhasha

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने हिंगोट युद्ध पर पाबंदी की गुहार को लेकर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. धार्मिक परंपरा से जुड़े इस सालाना कार्यक्रम में 30 साल के एक युवक की हाल ही में मौत हो गई थी.

इंदौर पीठ के जस्टिस पी के जायसवाल और जस्टिस वीरेंदर सिंह ने जनहित याचिका पर राज्य सरकार के साथ इंदौर के जिलाधिकारी, पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) और पुलिस-प्रशासन के दो क्षेत्रीय अधिकारियों को नोटिस जारी कर अगले 6 हफ्ते में जवाब मांगा है.


स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता एस पी नामदेव की ओर से दायर जनहित याचिका (पीआईएल) में गुहार लगाई गई है कि इंदौर से लगभग 55 किलोमीटर दूर गौतमपुरा कस्बे में हर साल दिवाली के अगले दिन होने वाले हिंगोट युद्ध पर पाबंदी लगाई जाए, क्योंकि इस कार्यक्रम के आयोजन से अलग-अलग कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन होता है. इस युद्ध में हर साल बड़ी संख्या में लोग घायल होते हैं.

इस बार 20 अक्टूबर को छिड़े हिंगोट युद्ध में एक युवक की जान चली गई थी, जबकि 35 अन्य लोग घायल हो गए थे.

जनहित याचिका में यह भी गुहार लगाई है कि हिंगोट युद्ध में मारे गए युवक के परिजनों को राज्य सरकार से 50 लाख रुपए का मुआवजा दिलवाया जाए.

हिंगोट आंवले के आकार वाला एक जंगली फल है. फल का गूदा निकालकर इसे खोखला कर लिया जाता है. फिर इसमें कुछ इस तरह बारूद भरी जाती है कि आग दिखाते ही यह किसी अग्निबाण की तरह निकल पड़ता है.