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'देश की धर्मनिरपेक्षता और पंथनिरपेक्षता वाली विचारधारा पर लगातार आघात हो रहे हैं'

सभी विधायक और सांसदों से की अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर राष्ट्रपति चुनाव में वोट करने की अपील

FP Staff

राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार ने गुरुवार को कहा कि यह चुनाव देश की धर्मनिरपेक्षता के संरक्षण की विचारधारा की लड़ाई है. सभी विधायक और सांसद अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर देश के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस चुनाव में उन्हें वोट दें.

मीरा ने प्रदेश विपक्षी पार्टियों सपा, बसपा, राष्ट्रीय लोकदल इत्यादि से समर्थन जुटाने के लिए अपने लखनऊ दौरे के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि देश की धर्मनिरपेक्षता और पंथनिरपेक्षता वाली विचारधारा पर पिछले कुछ वर्षों के दौरान लगातार आघात किया जा रहा है. देश में मनुवादी व्यवस्था को फिर से थोपने की कोशिश की जा रही है.


उन्होंने कहा कि इसलिए विपक्ष ने राष्ट्रपति चुनाव को विचारधारा की लड़ाई बनाया है. ताकि गरीबों, मजलूमों और कमजोरों को यह महसूस हो कि उनकी आवाज को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठाया जा रहा है.

मीरा ने कहा कि मैंने देश के सभी सांसदों और विधायकों से यह अपील की है कि वह अपनी आत्मा की आवाज सुनकर देश के हीत और उसके भविष्य को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रपति चुनाव में मेरा समर्थन करें. मीरा ने कहा कि भारत में आठ प्रमुख धर्म है. हमें और हमारी पिछली पीढ़ियों को यह सोच विरासत में मिली है कि हम सभी मिलकर रहें और हमारे बीच घृणा, वैमनस्य ना पैदा हो. हम दूसरे के धर्म का भी सम्मान करें. भारत बहुत सी संस्कृतियों का देश है इसे एकता के सूत्र में पिरोकर रखना जरूरी है.

उन्होंने कहा कि जाति व्यवस्था ने हमारे देश के बहुत बड़े वर्ग को अपमानित किया है. उनके व्यक्तित्व को पंगु कर दिया है. हम इस प्रयास में हैं कि देश में कैसे जातिविहीन समस्या व्यवस्था करें और कैसे बराबरी का सामाजिक साम्राज्य स्थापित हो.

मीरा ने कहा कि विपक्ष ने उन पर विश्वास जताया है. इसके लिए वह उसे धन्यवाद करती हैं. विपक्ष की यह एकता विचारधारा पर आधारित है.

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश से उनका गहरा नाता है. वर्ष 1985  में जब वह सार्वजनिक जीवन में आईं तो सबसे पहले इसी राज्य की बिजनौर सीट से सांसद बनी थी. इसके अलावा कानपुर उनका ननिहाल है. यहां आकर उन्हें हमेशा खुशी मिलती है.