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कानपुर ट्रेन हादसे में हो सकता है आईएसआई का हाथ

पूर्वी चंपारण में गिरफ्तार किए गए एक अपराधी ने किया खुलासा

Arun Tiwari

कानपुर के पास रूरा में रेल हादसे के तार आईएसआई के साथ भी जुड़े हो सकते हैं. बिहार पुलिस ने पूर्वी चंपारण से तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. 1 अक्टूबर 2016  को घोड़ासहन रेलवे ट्रैक पर आईइडी विस्फोटक पकड़ा गया था. इन अपराधियों को उसी के कनेक्शन में गिरफ्तार किया गया है.

इस घटना में पकड़े गए एक अपराधी मोती पासवान ने पुलिस के सामने यह स्वीकार किया है कि कानपुर रेल हादसे में उसका हाथ है.


मोती ने पुलिस के सामने यह खुलासा किया कि इस घटना को अंजाम देने के लिए पैसा नेपाल के बृजकिशोर के जरिए आया था.

जब फ़र्स्टपोस्ट हिंदी ने पूर्वी मोतिहारी के एसपी जितेंद्र राणा से इस संदर्भ में बातचीत की तो उन्होंने कहा, 'मैं एकदम स्पष्ट तो नहीं कह सकता कि इस घटना में आईएसआई का हाथ है. हां, ये सही बात है कि हमने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है. वे लोग पटरियों के नीचे आईइडी लगाने के आरोपी हैं. ये काम उन्होंने पैसे लेकर किया है. ये पैसा उन्हें एक नेपाली व्यक्ति बृजकिशोर गिरी के जरिए मिला था. अब बृजकिशोर गिरी को पैसे कहां से मिल रहे हैं, हम इस पर जांच कर रहे हैं. संभव है ये पैसा किसी दूसरे देश से आ रहा हो. '

जब हमने उनसे पूछा कि कितने लोग गिरफ्तार किए गए तो उन्होंने कहा कि कुल छह लोग गिरफ्तार किए गए हैं. तीन लोग मोतिहारी में और तीन लोग नेपाल से. इन्हीं गिरफ्तार अपराधियों में से एक मोती पासवान से ये संकेत मिले हैं कि कानपुर के पास रूरा में सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस हादसे में उसका हाथ है. हम इन्हीं सूचनाओं के आधार पर आगे बढ़ रहे हैं.

विरेंद्र राणा ने ये भी संकेत दिए कि आगे मामले में केद्रीय सुरक्षा जांच एजेंसियों की मदद भी ली जा सकती है.

उधर नेपाली पुलिस ने भी बृजकिशोर को गिरफ्तार कर लिया है. संभव है जांच में आगे और बड़े खुलासे हो सकते हैं.

नेपाल में आईएसआई की मजबूत उपस्थिति के आधार पर ये संभव है कि पुलिस को आगे की जांच में और भी जानकारियां मिल सकती हैं. पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है कि बृजकिशोर को आखिर इन घटनाओं को अंजाम देने के लिए पैसे कहां से आ रहे हैं?

विदित हो कि कानपुर के रूरा के पास सियालदह-अजमेर एक्स (12987) के 15 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. यह ट्रेन सियालदाह से अजमेर जा रही थी. इसके पहले कानपुर के पास पुखरायां में बड़ा रेल हादसा हो चुका था.

इसके बाद जब फर्रुखाबाद-कानपुर-अनवरगंज रेलवे सेक्शन के बीच एक जनवरी की रात में रेल पटरी काटकर फिश प्लेट उखाड़ने की घटना सामने आई तो पहले की दोनों दुर्घटनाएं संदेह के घेरे में आ गईं.