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इराक में मारे गए 39 भारतीयों में से ज्यादातर को सिर में मारी गई गोली

बताया जा रहा है कि हो सकता है यह सभी भारतीय 15 से 20 जून के बीच मारे गए हों.

FP Staff

इराक में मारे गए 39 भारतीयों के अवशेष सोमवार को अमृतसर लाए गए. एक रिपोर्ट के आधार पर पता चला है कि इनमें से ज्यादातर लोगों की मौत सिर पर गोली लगने के कारण हुई थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अमृतसर पहुचाएं गए 27 शवों में से 7 लोगों के डेथ सर्टिफिकेट से पता चला है कि इन सभी की मौत सिर पर गोली लगने की वजह से हुई है. इन सर्टिफिकेट्स से ये भी पता चला है कि ये सातों भारतीय मोसुल से 100 किलोमीटर दूर निनवे के पास वादी अजाब में मारे गए थे. बताया जा रहा है कि हो सकता है यह सभी भारतीय 15 से 20 जून के बीच मारे गए हो. अमृतसर में मारे गए लोगों के परिवार वालों ने बताया कि उनकी आखरी बार उनसे 15 जून 2014 को बात हुई थी.

अवैध रूप से इराक गए थे 39 भारतीय 


इस बीच सोमवार को जनरल वी के सिंह ने कहा था कि इराक में मारे गए सभी 39 भारतीय अवैध रूप से वहां गए थे. सिंह ने कहा, इन सभी लोगों का मध्य पूर्व (मिडिल ईस्ट) देशों के किसी भी भारतीय दूतावास में कोई रिकॉर्ड नहीं है. इससे पता चलता है कि यह सभी लोग वहां ट्रैवल एजेंट के जरिए गैर-कानूनी रूप से गए थे.

सोमवार को ही जनरल वी के सिंह इन अवशेषों को लेकर अमृतसर पहुंचे थे, जहां 27 अवशेषों को उनके परिवारवालों को सुपुर्द किया गया. इसके बाद वो शेष अवशेषों को लेकर पहले कोलकाता फिर पटना गए. यहां भी मारे गए लोगों के अवशेषों को उनके घरवालों के हवाले किया गया.

पंजाब सरकार ने मारे गए राज्य के सभी 27 लोगों के परिवारवालों को 5 लाख रुपए की आर्थिक मदद और उनके एक सदस्य को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी देने की घोषणा की है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इराक के मोसुल में मारे गए भारतीयों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है.