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जूतों-बीयर बोतलों पर बिक रहे भगवान: पढ़िए 22 फरवरी की चर्चित खबरें

जानिए, क्या है सुर्खियों में

FP Staff

बुधवार 22 फरवरी को कौन सी खबरें रही चर्चा में...

जूतों और शराब की बोतलों पर भगवान गणेश और ओम की तस्वीर


बिजनेस स्टैंडर्ड ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि अमेरिका की दो ऑनलाइन सेलिंग कंपनियां अपने दो प्रॉडक्ट के जरिए दुनिया भर के हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में निशाने पर आ गई हैं. ये कंपनियां शराब की बोतलों पर लगे लेबल पर भगवान गणेश की मूर्ति और जूतों पर ओम का प्रतीक छापकर बेच रही थीं.

भारत के स्काउट्स एंड गाइड्स कमिश्नर नरेश काद्यान ने दो अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराया है. इनमें से एक कंपनी है yeswevibe.com. ये साइट ओम का प्रतीक छपे जूतों का कलेक्शन बेच रही थी. दूसरी कंपनी lostcoast.com ने अपने बीयर बॉटल्स के पैकेजिंग और लेबल्स पर भगवान गणेश की फोटो लगा रखी थी.

काद्यान ने विदेश मंत्रालय को एक खत लिखते हुए इन कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.

मणिपुर में बीजेपी को बदलनी पड़ी पीएम के रैली की जगह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मणिपुर विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्ला फोर्ट में होने वाली चुनावी रैली का जगह बदल दिया गया है. बीजेपी ने ये कदम इरोम शर्मिला की पार्टी की ओर से रैली के लिए तय की गई जगह को लेकर आपत्ति जताने के बाद उठाया गया है.

इंडियाटुडे.इन की रिपोर्ट में बताया गया है कि मणिपुर की इंफाल नदी के किनारे पर बने कांग्ला फोर्ट को एक पवित्र जगह माना जाता है. आजतक यहां कोई राजनीतिक आयोजन नहीं हुआ है. एक मणिपुरी मिथ के अनुसार, भगवान पखंग्बा इस कांग्ला किले में रहते हैं और यहीं से वो मणिपुर और पूरी दुनिया पर शासन करते हैं.

इरोम शर्मिला की पार्टी पीपुल्स रिसर्जेन्स एंड जस्टिस अलायंस (प्रजा) ने चुनाव आयोग में बीते 16 फरवरी को इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी. पार्टी का आरोप था कि बीजेपी किसी धार्मिक स्थान पर चुनावी रैली करके आचार संहिता का उल्लंघन कर रही है.

इसके बाद बीजेपी के मणिपुर यूनिट ने घोषणा की है कि पीएम के रैली की जगह बदल दी गई है. अब ये रैली सीआरपीएफ कैंप से कुछ किलोमीटर दूर लांगजिंग अचूबा ग्राउंड पर की जाएगी.

हालांकि बीजेपी के राज्य महासचिव एन निंबस ने बताया, ‘इस फैसले का प्रजा पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. हमें रैली की जगह बदलनी ही थी क्योंकि कांग्ला बोर्ड ने फोर्ट पर किसी भी राजनीतिक गतिविधि का आयोजन न होने देने की वजह से हमें इस रैली के लिए परमिशन नहीं दी थी.’

मोहल्ला क्लिनिक: 1 मिनट में 2 मरीजों का चेकअप

विजिलेंस डिपार्टमेंट की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि दिल्ली में आप सरकार की योजना के तहत खुले मोहल्ला क्लिनिक में एक डॉक्टर एक मिनट में 2 मरीजों की जांच करता है.

डीएनए ने अपने रिपोर्ट में इस पर विस्तार में बताया है. डीएनए की मानें तो, विजिलेंस डिपार्टमेंट को हाल ही में कुछ शिकायतें मिली थीं कि दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लिनिक प्रोजेक्ट में काम कर रहे डॉक्टर्स दिन के चार घंटों में 533 मरीजों को देखते हैं.

इसका मतलब एक मरीज के चेकअप में बस 36 सेकेंड का वक्त लगता है.

इन शिकायतों के बाद विजिलेंस डिपार्टमेंट ने दो हफ्ते पहले मोहल्ला क्लिनिक के परे काम-काज पर इन्वेस्टिगेशन शुरू किया.

विजिलेंस डिपार्टमेंट ने स्वास्थ्य सेवा निदेशालय और मुख्य चिकित्सा जिला अधिकारी को 11 सवालों की एक सूची सौंपकर जवाब मांगा है.

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री की ओर से अभी कोई जवाब नहीं आया.

मोहल्ला क्लिनिक के डॉक्टर्स शहर के 110 सेंटरों पर सुबह के 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक मरीजों को देखते हैं और प्रति मरीज उन्हें 30 रुपए मिलते हैं.

कॉर्बेट रिजर्व ने जारी किया शूट एट साइट का आदेश

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कार्बेट टाइगर रिजर्व ने रिजर्व के टाइगरों को शिकार होने से बचाने के लिए शूट एट साइट ऑर्डर जारी कर दिया है. ये आदेश रिजर्व के दक्षिणी बाउंड्री के पास कुछ संदिग्ध शिकारियों की गतिविधियों की जानकारी मिलने के बाद दिया गया है.

रिजर्व के इन्चार्ज पराग मधुकर धकाते ने बताया कि ये कदम वाइल्डलाइफ की सुरक्षा के मद्देनजर उठाया गया है.

धकाते ने जानकारी देते हुए बताया, ‘हमनेशिकारी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए फॉरेस्ट स्टाफ को किसी भी हथियार से लैस संदिग्ध व्यक्ति पर गोली चलाने का ऑर्डर दिया है. ऐसा ऑर्डर कोई पहली बार नहीं दिया गया है.’

शूट एट साइट के ऑर्डर के अलावा, वाइल्डलाइफ की सुरक्षा के लिए और भी कई कदम उठाए जा रहे हैं. जैसे, आसपास के ग्रामीणों को संरक्षित इलाके में घुसने से मना कर दिया गया है. इसके साथ ही रिजर्व में आ रहे पर्यटकों की कड़ी तलाशी ली जा रही है.

वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए काम करने वाले ए जी अंसारी इस ऑर्डर से सहमति जताते हुए कहते हैं, ‘वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाने जरूरी हैं. 2011 में कार्बेट में ही जब 11 हाथी शिकार हुए थे, तब अथॉरिटी ने ऐसा ही कदम उठाया था.’

वहीं, कार्बेट फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक एच एस बरगली भी कहते हैं, ‘काजीरंगा नेशनल पार्क में शूट एट साइट ऑर्डर ने काफी असर डाला है. मुझे खुशी है कि कार्बेट रिजर्व ये कदम उठा रहा है.’