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देश के 50 फीसदी से ज्यादा जिलों का ग्राउंड वाटर जहरीला: रिपोर्ट

रिपोर्ट में दिए विवरण के अनुसार पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के भूजल में जहरीली धातुओं का मात्रा सबसे अधिक है

FP Staff

गांव से लेकर शहरों तक में औद्योगिकीकरण और नवनीकरण का असर ये हुआ है कि अब देश के 50 प्रतिशत से ज्यादा जिलों का भूजल पीने लायक नहीं रहा. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार उद्योग और फैक्ट्रियों से निकलने वाले कचरों से भूजल दूषित हो रहा है. यहां तक कि खेत में अच्छी पैदावर के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले खाद और कीटनाशक के लगातार प्रयोग से भूजल में नाइट्रेट की मात्रा अत्यधिक बढ़ गई है.

मानसून सत्र की कार्यवाही के दौरान केंद्र सरकार द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक भूजल में नाइट्रेट के साथ ही साथ फ्लोराइड, आयरन, आर्सेनिक और दूसरे खतरनाक धातुओं की मात्रा भी बढ़ गई है.


देश के भूजल में किस धातु की मात्रा कितनी होनी चाहिए इसका हिसाब भारतीय मानक ब्यूरो रखता है. ऐसे में भारत के 50 प्रतिशत जिलों के भूजल में धातुओं की मात्रा ब्यूरो के तय मानकों से बहुत अधिक है.

जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि देश के 386 जिलों के भूजल में नाइट्रेट, 335 जिलों में फ्लोराइड, 301 जिलों में आयरन,212 जिलों में सैलिनिटी,153 जिलों में आर्सेनिक, 93 जिलों में लेड, 30 जिलों में क्रोमियम, 24 जिलों में कैडियम जैसी जहरीली धातुओं की मात्रा भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा तय की गई मानकों से कई ज्यादा हैं.

डबल्यूएचओ के अनुसार नाइट्रेट की अत्यधिक मात्रा वाले भूजल इंसान की शरीर में मेथेमोग्लोबिनेमिया जैसी बीमारियां पैदा करते हैं. ऐसे में रक्त द्वारा शरीर में ऑक्सीजन की संचालन शक्ति में कमी आ जाती है. वहीं आर्सेनिक की अधिक मात्रा वाला पानी स्कीन कैंसर और किडनी, फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का कारण बनता है. इंसान ही नहीं जानवर भी इस जहरीले पानी का शिकार बनते जा रहे हैं. चाहे पानी में रहने वाली कई तरह की मछलियां ही क्यों न हों. जहरीली धातुओं की बढ़ी हुई मात्रा से उनकी जान पर बन आई है.

भूजल में केमिकल की मौजूदगी का पता केंद्रीय भूजल बोर्ड के सदस्य करते हैं. इसमें देशभर में स्थित 15,000 के लगभग कुओं के नेटवर्क की मदद से पानी की गुणवत्ता का पता लगाया जाता है और फिर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाती है.

इस बार की रिपोर्ट में दिए विवरण के अनुसार पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के भूजल में जहरीली धातुओं का मात्रा सबसे अधिक है.