view all

मुरादाबाद: चर्च जाने के कारण पंचायत ने 12 परिवारों को समाज से निकाला

पंचायत ने अपने फरमान में लोगों से खुलेआम बहिष्कार करने का निर्देश दिया है. यहां तक कि दुकानदारों को इन परिवारों को सामान तक न बेचने का आदेश दिया गया है

FP Staff

यूपी के मुरादाबाद में 12 परिवारों को पंचायती फरमान का दंश झेलना पड़ रहा है. फरमान का कारण बहुत अजीब है. पंचायत का कहना है कि ये लोग चर्च जा रहे थे इसलिए इन्हें समाज से बाहर कर दिया गया.

सैनी समुदाय के लोगों के खिलाफ यह फरमान उन्हीं की एक पंचायत ने सुनाया है. मुरादाबाद के नागफनी इलाके में एक धर्मशाला के अंदर पंचों की बैठक हुई और 12 सैनी परिवारों को समाज से बेदखली का आदेश जारी किया गया.


पंचों का आरोप है कि जिन परिवारों के खिलाफ फरमान सुनाया गया है उनके घरों में किसी देवी-देवता की मूर्तियां नहीं पाई गईं. जबकि सैनी परिवारों का कहना है कि उन्हें सेहत की कुछ परेशानी थी इसलिए वे चर्च जा रहे थे, न कि प्रार्थना करने.

पुलिस ने भी इस मामले में दखल दी है और जांच में पाया है कि सैनी लोगों ने धर्म परिवर्तन (ईसाई) नहीं किया है. कार्रवाई के तौर पर पंचायत के 14 सदस्यों के खिलाफ शांति भंग करने और सार्वजनिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने के आरोप में सीआरपीसी की धारा 107/116 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पंचायत ने अपने फरमान में लोगों से खुलेआम बहिष्कार करने का निर्देश दिया है. यहां तक कि दुकानदारों को इन परिवारों को सामान तक न बेचने का आदेश दिया गया है.

न्यूज18 की खबर के मुताबिक, इन 12 परिवार के लोगों से किसी को बात करते हुए या इनसे मिलते-जुलते देखे जाने पर पंचायत ने 5 हजार रुपए जुर्माना लगाने की हिदायत दी है.

मीडिया से बात करते हुए मंडल अधिकारी पूनम सिरोही ने कहा, लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) ने स्पष्ट कर दिया है कि इन परिवार के सदस्यों ने ईसाई धर्म परिवर्तन नहीं किया है. एलआईयू की रिपोर्ट आने के बाद पंचों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है.