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यूपी: अमरोहा में क्यों तड़प-तड़प कर मर रहे हैं बंदर, अब तक 100 की मौत

आदमपुर थाना इलाके के ढवारसी गांव में पिछले सात-आठ दिनों से लगातार बंदर मर रहे हैं

FP Staff

यूपी के अमरोहा में संदिग्ध परिस्थितियों में बंदर मर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि अब तक 100 से ज्यादा बंदरों की मौत हो चुकी है. जंगल विभाग के अधिकारियों ने इस आरोप को नकारा दिया है और उनका कहना है कि इसे रोकने के लिए कई एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं. मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.

तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहे बंदर

अमरोहा जिले के आदमपुर थाना इलाके के ढवारसी गांव में पिछले सात-आठ दिनों से लगातार बंदर मर रहे हैं. बंदरों की मौत का कारण पता नही चल पा रहा है. गांव वालों के मुताबिक बंदर खूनी दस्त के बाद तड़प-तड़प कर दम तोड़ देते हैं. रोजाना दस से बारह बंदर मर रहे हैं. बंदरों की मौत से लोग हैरान हैं. ग्रामीण यह भी मान रहे हैं कि अगर बंदरों की मौत बीमारी से हो रही है तो कहीं यह ‌बीमारी लोगों को भी अपनी चपेट में न ले ले.

गांव की प्रधान के पति राजीव अग्रवाल ने बताया कि अब तक करीब सौ से ज्यादा बंदरों की मौत हो चुकी है. उन्होंने प्रशासन से बंदरों की मौत की जांच कराने की मांग उठाई है. जिसके बाद पशु चिकित्सा विभाग और वन विभाग की टीमों ने गांव में जाकर बंदरों को दवाईयां देनी शुरू कर दी हैं. लेकिन इसके बाबजूद बंदरों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है, जो बेहद चिंता की बात है.

फेफड़ा और लीवर भी खराब

लगातार हो रही बंदरों की मौत की वजह जानने के लिए गांव में पहुंचे पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ तेजपाल सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम में यह बात साबित हुई है कि बंदर का पेट खाली था. यानी मरने से दो तीन दिन पहले से बंदर ने कुछ खाया नहीं था. बंदर का फेफड़ा और लीवर भी खराब मिला है. खूनी दस्त से बंदरों की मौत हो रही है, लेकिन असलियत में मौत का क्या कारण है ये बिसरा की रिपोर्ट आने के बाद ही पता लगेगा. फिलहाल पोस्टमार्टम के बाद बंदरों का बिसरा आरवीआई बरेली भेजा गया है. जिससे बंदरों की मौत का सच सामने आ सके. वहीं जो बंदर बीमार हैं उनका इलाज किया जा रहा है.

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती रिपोर्ट में बंदरों को जहर देने की आशंका जताई जा रही है. हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि बंदरों की मौत का कारण 'चाउमिन चटनी' है.