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8000 करोड़ रुपए घोटाले के आरोपी जैन बंधुओं को मिली जमानत

व्यापारी बंधु सुरेंद्र जैन और वीरेंद्र जैन और अन्य के खिलाफ कालाधन गिरोह में शामिल होने का आरोप है जिसे मुखौटा कंपनियों के जरिए चलाया जा रहा था

FP Staff

मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गुरूवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला दिया. 8000 करोड़ रुपए घोटाले के आरोपी सुरेंद्र जैन और विरेंद्र जैन को बेल दे दी. उन्हें दो लाख रुपए के बॉन्ड पर बेल मिली है.

जानकारी के मुताबिक 19 मई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 8,000 करोड़ रुपए के मनी लांड्रिंग मामले में दोनों भाइयों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था और उनकी कृषि भूमि जब्त की थी. दोनों भाई दिल्ली के हैं.

व्यापारी बंधु सुरेंद्र जैन और वीरेंद्र जैन और अन्य के खिलाफ कालाधन गिरोह में शामिल होने का आरोप है जिसे मुखौटा कंपनियों के जरिए चलाया जा रहा था.

90 मुखौटा कंपनी चलाकर कालेधन को किया था सफेद  

केंद्रीय जांच एजेंसी ने जैन बंधु के राष्ट्रीय राजधानी के भाटी गांव में 1.12 करोड़ रुपए मूल्य की कृषि जमीन जब्त की थी. मामले में अबतक जो संपत्ति जब्त की गयी थी, उसका मूल्य 65.82 करोड़ रुपए है.

ईडी के मुताबिक, ‘इसे पहले, मनी लांड्रिंग से संबद्ध एक होटल को जब्त किया गया था. दिल्ली के द्वारका स्थित इस होटल का कुल मूल्य करीब 64.70 करोड़ रुपए था. इसका प्रबंधन रेडिसन ब्लू के जिम्मे था. मामले में अब तक ईडी ने 65.82 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति की है.’

निदेशालय ने कम-से-कम 90 मुखौटा कंपनियों को चिह्नित किया है. इनमें से 26 ने कथित तौर पर करीब 62.20 करोड़ रुपए के कालेधन को सफेद धन बनाया. मामले में आगे जांच जारी है.