सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 के नियमों में प्रस्तावित संशोधन संबंधी खबरों को लेकर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि 'निजता पर नजर रखने वाले' कदम को शुरुआत में ही रोक दे तथा देश से माफी मांगे.
पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार 'जासूसी' के जरिए विरोध की हर आवाज को दबाना चाहती है.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, 'देश को अब समझ आ गया है कि ये जासूसी करते हैं. गैर संवैधानिक जासूसी कराना इस सरकार का नियमित कार्य हो गया है.'
ईज ऑफ डुइंग बिजनेस नहीं ईज ऑफ इंटरफेयरिंग बिजनेस है:
उन्होंने कहा, 'अब मैं इसके दो-चार बिंदु बता दूं, ये अत्यंत महत्वपूर्ण बात है, गंभीर बात है, डरावनी बात है और हम आशा और विश्वास करते हैं कि इस प्रकार की विकृत संस्कृति इस देश में लाने से पहले सरकार शुरुआत में ही इसे बंद करे दे और माफी मांगे.'
उन्होंने दावा किया, 'यह सरकार 'ईज ऑफ डुइंग बिजनेस' की बात करती है, लेकिन यह तो 'ईज ऑफ इंटरफेयरिंग इन बिजनेस' है. यही गुजरात मॉडल है. यही मोदी मॉडल और अमित शाह मॉडल है.'
खबरों के मुताबिक सरकार सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 79 के तहत आने वाले नियमों में प्रस्तावित संशोधन की तैयारी में है. इसके तहत ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के लिए यह अनिवार्य होगा कि वो एक ऐसी प्रौद्योगिकी का उपयोग करें जिसकी मदद से 'गैर-कानूनी' सामग्री को हटाया जा सके.
देश में एकल कर व्यवस्था से संबंधित प्रश्न के उत्तर में सिंघवी ने कहा, ‘ये लोग पहले एकल कर व्यवस्था से जुड़ी बात का मजाक उड़ाते हैं. हैरानी की बात है कि माननीय वित्त मंत्री एकल कर व्यवस्था की बात कर रहे हैं.’