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अब विलायत नहीं भाग पाएंगे मोदी, माल्या जैसे अपराधी, सरकार ला रही है कानून

नीरव मोदी जैसे लोगों से बैंकों का बकाया जल्द से जल्द वसूली के लिए ही यह बिल लाया जा रहा है.

Bhasha

बैंकों से धोखाधड़ी कर विलायत भाग जाने वाले नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे मामलों से निपटने के लिए सरकार एक नया कानून लाने जा रही है. इस कानून में आर्थिक अपराधों में शामिल भगोड़ों की संपत्ति जब्त करने का प्रबंध किया गया है. बिल के मसौदे को केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को मंजूरी दे दी.

नीरव मोदी जैसे लोगों से बैंकों का बकाया जल्द से जल्द वसूली के लिए ही यह बिल लाया जा रहा है. यह कानून उन लागों पर लागू होगा जिनपर 100 करोड़ रुपए से अधिक का बैंक कर्ज है और वे देश छोड़कर भाग चुके हैं. साथ ही जिनके खिलाफ अदालत ने वारंट जारी किया है.


कौन होगा भगोड़ा अपराधी?

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बिल संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा. उन्होंने ऐसे भगाड़े अपराधी की परिभाषा बताते हुए कहा कि ऐसा शख्स जिसके खिलाफ अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और वह देश छोड़कर भागा हुआ है. साथ ही कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए भारत लौटने से इनकार करता है.

मनी लॉन्ड्रिंग कानून से अलग होगा नया कानून

जेटली ने बताया कि यह कानून मनी लॉन्ड्रिंग कानून से कुछ अलग है. मनी लॉन्ड्रिग कानून में आर्थिक अपराधी की संपत्ति को जब्त करने का प्रबंध है. इस कानून के तहत दोषी पाए जाने के बाद अपराध की कमाई से हासिल संपत्ति को ही जब्त किए जाने का प्रावधान है. जबकि प्रस्ताविक कानून में देश छोड़कर भागे आर्थिक अपराधी की पूरी संपत्ति को जब्त किया जाएगा, चाहे वह अपराध से जुटाई गई या नहीं.

जेटली ने कहा, ‘भगोड़े अपराधी की सुनवाई कभी पूरी नहीं होगी.’ यही वजह है कि संपत्ति को जब्त करने का प्रबंध किया गया है. नए कानून के तहत ऐसे मामलों में ‘जैसे ही अदालत से वारंट जारी होगा और अदालत यह तय करती है कि संबंधित शख्स पेश नहीं हो रहा है.’ वैसे ही नए कानून के प्रावधान लागू हो जाएंगे.

पहले ही हो चुका है ऐलान

साल 2017-18 के बजट में हालांकि इस तरह की घोषणा की गई थी लेकिन नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी का मामला सामने आने के बाद इसमें तेजी लाई गई है. दोनों पर पंजाब नेशनल बैंक से 12,700 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है. धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद दोनों ही परिवार सहित देश छोड़कर भाग गए और जांच एजेंसियों के सामने पेश होने से इनकार कर रहे हैं. नया कानून ऐसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों से बैंकों के बकाए की जल्द से जल्द वसूली में मददगार होगा.