view all

इनोवेशन समझने के लिए मोदी सरकार के पास ‘ब्रेन पावर’ की कमी: पित्रोदा

'रोजगार सृजन से लेकर लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए इनोवेशन की जरूरत होती है. लेकिन भारत में बहस हमेशा राम मंदिर या इतिहास के बारे में होती है. हमें इससे आगे बढ़ने की जरूरत है'

Bhasha

दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज, उद्यमी और कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने कहा है कि रोजगार सृजन के बहाने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 'सरकार के पास रोजगार सृजन के अवसरों की खातिर इनोवेशन को समझने के लिए ‘बौद्धिक क्षमता’ (ब्रेन पावर) का अभाव है. उन्होंने नेशनल इनोवेशन काउंसिल (एनआईसी) को बंद किए जाने पर निराशा जताई.

गुजरात वाणिज्य और उद्योग मंडल में नई टेक्नोलॉजी पर आयोजित कार्यक्रम में पित्रोदा ने कहा कि लोगों को राम मंदिर या इतिहास जैसे मुद्दों से आगे बढ़ना चाहिए.


कांग्रेस नेता ने कहा, ‘इनोवेशन एक मंच है. आपको सरकार, न्यायपालिका, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और प्रक्रियाओं में इनोवेशन की जरूरत होती है. लेकिन जब मैं भारत में बहस देखता हूं तो यह हमेशा राम मंदिर या इतिहास के बारे में होती है. हर कोई अतीत की बात करता है. हमें बस अतीत से चिपके रहना पसंद है जबकि हमें आगे बढ़ने की जरूरत है.’

उन्होंने कहा, ‘नेशनल इनोवेशन काउंसिल पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा उठाया गया एक बहुत बड़ा कदम था. लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे बंद कर दिया. मैंने सरकार से ऐसा नहीं करने की अपील की लेकिन आखिरकार इसे बंद कर दिया. मुझे निराशा हुई क्योंकि हमें अधिक रोजगार के लिए इनोवेशन औऱ नई टेक्नोलॉजी की जरूरत है’. सैम पित्रौदा मनमोहन सिंह सरकार के दौरान एऩआईसी के प्रमुख थे.

पित्रोदा ने बगैर किसी का नाम लिए कहा कि देश सिर्फ रैलियां या दूसरों पर दोषारोपण कर आगे नहीं बढ़ सकता. उन्होंने कहा कि 'मूल समस्या यह है कि हम अधिक तेजी से खोज नहीं कर पा रहे हैं. सरकार के पास इसके लिए कोई विचार नहीं है. उनके पास स्थिति को समझने की बौद्धिक क्षमता नहीं है. हमें पहले की तुलना में अधिक तेजी से इनोवेशन की जरूरत है.’