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अन्‍ना हजारे का अनशन खत्म, जानिए क्या हैं बड़ी शर्तें

केन्द्र सरकार ने अन्ना हजारे की मांगों पर अपनी सहमति जता दी है. सरकार ने अन्ना को ये भी बता दिया है कि वो किसानों को उनकी लागत की डेढ़ गुना कीमत कैसी देगी

FP Staff

अन्ना हजारे का 6 दिन से चल रहा अनशन गुरुवार को खत्म हो गया. दिल्ली के रामलीला मैदान में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस और राज्य कृषि मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अन्ना हजारे की भूख हड़ताल खत्म करवाई. हजारे 23 मार्च से उपवास पर थे.

अन्ना हजारे ने कहा कि केंद्र सरकार ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त नियुक्त की जाएगी. इससे पहले गुरुवार सुबह अन्ना सत्याग्रह के प्रवक्ता जयकांत ने कहा है कि केंद्र सरकार ने लोकपाल और लोकायुक्तों की नियुक्ति से संबंधित अन्ना की एक बड़ी मांग मान ली है. सरकार ने लोकपाल को प्रधानमंत्री, सांसदों, मंत्रियों और विधायकों पर कार्रवाई की शक्तियां दिलाने का वादा किया है.

सरकार ने अन्ना को भरोसा दिलाया है कि वह लोकपाल की नियुक्ति शीघ्र करेगा. इस समय यह प्रावधान है कि लोकपाल प्रधानमंत्री, एमपी, एमएलए और कैबिनेट मिनिस्टर की जांच नहीं कर सकता. हमने सरकार से यह धाराएं हटाने को कहा था. तभी लोकपाल मजबूत होगा.

हमने कहा था कि लोकपाल को मजबूत बनाईए, फिर नियुक्ति करिए. इस सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा है कि इस बारे में लोकसभा में संशोधन का प्रस्ताव आएगा. जिन मसलों पर सरकार को संसद में जाना है उन पर अन्ना ने तीन माह का समय दिया है. मांगें पूरी न होने पर फिर अन्ना धरने पर बैठेंगे.

जयकांत ने बताया कि कैबिनेट ने अन्ना की मांगें मानने का एक प्रस्ताव पास किया है. प्रस्ताव को अन्ना ने मंजूरी दे दी है. अन्ना ने पूछा है कि मांगें कब तक पूरी हो जाएंगी. पीएमओ के अधिकारी प्रस्ताव लेकर आएंगे. महाराष्ट्र के सीएम और दो मंत्री आ रहे हैं. इसके बाद अन्ना किसानों को समझाएंगे और अपना फैसला लेंगे.

जयकांत ने कहा है कि सरकार ने कृषि मूल्य आयोग की घोषणा की है. डेढ़ गुना समर्थन मूल्य की बात मांग ली है. स्वामीनाथन आयोग की अधिकांश मांगें भी मान ली गई हैं. छोटी-मोटी अन्य कमियों को सुधारने के लिए अन्ना ने सरकार को तीन माह का समय दिया है.

किसानों को डेढ़ गुना कीमत देने का ये है फार्मूला

केन्द्र सरकार ने अन्ना हजारे की मांगों पर अपनी सहमति जता दी है. सरकार ने अन्ना को ये भी बता दिया है कि वो किसानों को उनकी लागत की डेढ़ गुना कीमत कैसी देगी. दूसरी ओर सरकार अन्ना की मांग पर चुनाव आयोग को ये प्रस्ताव भेजने को राजी हो गई है कि उम्मीदवार के फोटो को ही उसका चुनाव चिन्ह्र बनाया जाए. रामलीला मैदान में अन्ना हजारे का जनसत्याग्रह आंदोलन चल रहा है. आंदोलन के प्रवक्ता जयकांत मिश्रा की मानें तो केन्द्र सरकार अन्ना की ज्यादातर मांगों पर राजी हो गई है. न्यूज 18 हिन्दी से बात करते हुए उन्होंने बताया कि हमारी एक मांग थी कि किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना मूल्य दिया जाए. जिस पर सरकार राजी हो गई है.

साथ ही सरकार ने ये भी बताया कि वह फसल पर आने वाली किसान की लागत की गणना करेगी और उसका डेढ़ गुना मुनाफा किसान को देगी. अन्ना ने अपनी मांगों के लिए तीन महीने का समय दिया है. सरकार अगर तीन महीने के तय समय में मांगों को पूरा नहीं करती है तो अन्ना क्या करेंगे. इस सवाल के बारे में जयकांत का कहना है कि तीन महीने बाद एक बार फिर से इसी रामलीला मैदान में आंदोलन शुरु किया जाएगा. क्या अगला आंदोलन मोदी सरकार के खिलाफ होगा, इस पर जयकांत का कहना है कि हमारी लड़ाई एक व्यवस्था में परिवर्तन की है. हम न मोदी से लड़ रहे हैं और न ही कांग्रेस से.

उम्मीदवार का फोटो होगा चुनाव चिन्ह्र

अन्ना हजारे की मांग थी कि चुनावों के दौरान किसी भी उम्मीदवार का चुनाव चिन्ह्र उसका फोटो ही होना चाहिए. जयकांत का कहना है कि इस मांग पर भी सरकार राजी हो गई है. सरकार का कहना है कि चुनाव आयोग एक अलग संस्था है इसलिए हम उसे इस प्रस्ताव को भेज देंगे.

(न्यूज 18 के लिए अफसर अहमद/अंकित फ्रांसिस की रिपोर्ट)