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कैशलेस सोसायटी के लिये लेस कैश सोसायटी से करें शुरुआत– पीएम

पीएम मोदी ने कैशलेस सोसायटी के लिये लेस कैश सोसायटी पर जोर दिया.

Kinshuk Praval

देश के नाम पीएम मोदी ने 26वीं बार मन की बात की. नोटबंदी के बाद पीएम मोदी की ये पहली ‘मन की बात’ थी. इस बार पीएम मोदी ने कैशलेस सोसायटी के लिये लेस कैश सोसायटी पर जोर दिया. पीएम मोदी ने यह समझाने की कोशिश की कि करप्शन के खिलाफ डिजिटल होना कितना जरूरी है.पीएम मोदी ने छोटे व्यापारी, मजदूरों और युवाओं से अपील की कि वो कैशलेस सोसायटी बनाने में अपना योगदान दें.

‘मेरा मोबाइल, मेरा बैंक, मेरा बटुआ’ ही पीएम मोदी की अपील 


दरअसल नोटबंदी के बाद अचानक मोबाइल ऐप से पेमेंट ने उछाल भरी है. कैश की जगह लोग अब डिजिटल सर्विस के जरिए लेनदेन कर रहे हैं. डिजिटल होती कैश सर्विस को पीएम मोदी ने मन की बात के जरिए समझाया. उन्होंने कहा कि आजकल छोटे व्यापारी भी टेक्नोलॉजी, मोबाइल ऐप, मोबाइल बैंक, क्रेडिट कार्ड के जरिए कारोबार कर रहे हैं. ऐसे में देश के युवाओं के सामने ये मौका है, जिससे देश डिजिटल दुनिया में प्रवेश कर सके. उन्होंने कहा कि देश के युवा कैशलेस सोसायटी बनाने में बड़ा योगदान दे सकते हैं.

उन्होंने कहा कि हो सकता है, आपके परिवार में बड़े भाई साहब को भी मालूम नहीं होगा और माता-पिता, चाचा-चाची, मामा-मामी को भी शायद मालूम नहीं होगा कि App क्या होता है. आप वो जानते हो, ऑनलाइन बैंकिंग क्या होता है, ऑनलाइन टिकट बुकिंग कैसे होता है, मुझे विश्वास है कि नौजवान हर दिन कुछ समय निकाल कर 10 परिवारों को इस टेक्नोलॉजी के उपयोग के बारे में बताएंगे.

नोटबंदी के विरोध का मोदी ने 'मन की बात' से सीधा जवाब दिया. उनका कहना है कि नोटों के सिवाए दूसरे रास्ते हैं जिनसे कारोबार चलाया जा सकता है. टेक्नोलॉजी के रास्तों को मोदी ने सुरक्षित और त्वरित बताया.

कैशलेस सोसायटी का रास्ता डिजिटल इंडिया से गुजरता है. सरकार ये समझाने की कोशिश कर रही है कि किस तरह से देशभर में बिना कैश के भुगतान मुमकिन है.

यूपीआई, यूएसएसडी, डेबिड-क्रेडिट कार्ड्स, पीओएस, आधार इनेबल्ड पेमेन्ट सिस्टम और प्रीपेड वॉलेट के जरिये आम आदमी देशभर में कहीं भी कैश का ट्रांजेक्शन कर सकता है.

यूपीआई से पैसे भेजना मैसेज भेजने के बराबर

यूपीआई के जरिये कहीं से भी पैसे का लेन-देन किया जा सकता है. हर बैंक का अपना मोबाइल ऐप है जिसके जरिये स्मार्ट फोन से पैसे का लेन-देन मुमकिन भी है और आसान भी.सीधे आसान शब्दों में मोबाइल से मैसेज भेजने जितना सरल है

यूएसएसडी से बैलेंस चेक के बराबर कैश ट्रांसफर

यूएसएसडी के जरिए पैसे का ट्रांसफर प्रीपेड बैलेंस चेक करने जितना आसान है. खास बात ये है कि साधारण फीचर फोन से भी पैसे का लेन देन आसानी से किया जा सकता है.

प्रीपेड वॉलेट यानी इ-बटुआ

प्रीपेड वॉलेट एक तरह से बटुए का डिजिटलाइजेशन है. इसे इ-बटुआ कहा जा सकता है. मोबाइल ही अब बटुआ बन चुका है. व्हाट्सएप से फोटो भेजना या फिर प्रीपेड वॉलेट से पैसा भेजना, दोनों ही बराबर है.

डेबिट-क्रेडिट कार्ड से कैश का नो झंझट

ये भले ही स्मार्टफोन धारकों के लिये नई कवायद हो लेकिन पंद्रह से बीस सालों से देश में डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने की आदत बन चुकी है. कार्ड स्वाइप करके भी भुगतान किया जाता है.

आधार कार्ड भी बैंक के बराबर

जिन लोगों के बैंक खाते आधार कार्ड से लिंक हैं, उनके लिए उनका आधार कार्ड ही बैंक है. फंड ट्रांसफर, बैलेंस पूछताछ, इंटर बैंक ट्रांजेक्शन्स, कैश जमा करना या निकालना अब आधार कार्ड से मुमकिन है. इसे आधार इनेबल्ड पेमेन्ट सिस्टम कहा जाता है.

ये सारे वो ऐप और सिस्टम हैं, जो किसी भी सामान्य स्मार्टफोन में शामिल किए जा सकते हैं और हर आदमी अपने बटुवे के जरिये एक स्वस्थ लेन देन कर सकता है, जिसमें जेब में कैश की जरुरत नहीं होती है.

पीएम मोदी का जोर है कि ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग को आज का युवा और समाज का हर वर्ग अपनाए ताकि भ्रष्टाचार और कालेधन से मुक्त भारत बनाया जा सके.

मन की बात में पीएम मोदी ने करप्शन पर सवाल करते हुए मजदूरों के शोषण की भी बात की. उन्होंने कहा कि मजदूरों की सैलरी कागजों पर कुछ और हाथ में कुछ और होती है. यही वजह है कि जब कैशलेस सोसायटी तैयारी होगी और हर नकद भुगतान डिजिटल तरीके से होगा तो गरीब, किसान, मजदूर, वंचित और पीड़ितों को उनके हक और मेहनत का पूरा पैसा मिल सकेगा.

हालांकि पीएम मोदी ने ये भी माना कि शत-प्रतिशत कैशलेस सोसायटी मुमकिन नहीं है लेकिन लैस कैश सोसायटी से तो इसकी शुरुआत की जा सकती है. क्योंकि हर बैंक ऑनलाइन सुविधा देता है और हर मोबाइल अब आपका बटुवा बन चुका है.