महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मंगलवार को जानलेवा ऑनलाइन गेम ‘मोमो चैलेंज’ पर एक एडवाइजरी जारी कर अभिभावकों को सोशल मीडिया पर अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि बच्चे इस खतरनाक खेल के फेर में नहीं पड़ें.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) ने कहा है कि यह गेम सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हो चुका है और अभिभावकों को इस पर नजर रखनी चाहिए.
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि मोमो चैलेंज के बारे में बच्चों को तब तक नहीं बताना चाहिए जब तक कि अभिभावकों को यकीन ना हो जाए कि उनका बच्चा इस गेम के बारे में जानता है.
मोमो चैलेंज के तहत कई तरह की चुनौतियों को स्वीकार करना पड़ता है और धीरे-धीरे गेम खतरनाक होता जाता है और आखिर में इसमें खुदकुशी की चुनौती दी जाती है.
मंत्रालय ने ऐसे संकेतों के बारे में बताया है जिससे पता लगाया जा सकता है कि उनका बच्चा इस तरह के गेम में उलझा हुआ है. दोस्तों और परिवार से कटकर रहना, लगातार उदास रहना, शरीर पर गहरे कटे का निशान वगैरह से इसके संकेत मिल सकते हैं.
बच्चे को इससे बचाने के लिए इसमें दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं.
डब्ल्यूसीडी के परामर्श में कहा गया, ‘अपने बच्चों के ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर गतिविधियों पर नजर रखकर सुनिश्चित करें कि वे इस चैलेंज में हिस्सा नहीं ले रहे हों. स्कूल में मौजूद बच्चों के काउंसलर से भी लगातार रिपोर्ट लेनी चाहिए और पेशेवर मदद लेने में बिल्कुल हिचकिचाना नहीं चाहिए.’
मोबाइल में नए नंबरों और ई-मेल कॉन्टैक्ट्स में अचानक बढ़ोत्तरी पर भी सतर्क रहना चाहिए.