दूध में मिलावट की बात लगभग हर शख्स के सामने कभी न कभी आई ही है लेकिन मीडिया रिपोर्ट ने जो दावा किया है, वह परेशान करने वाला है. रिपोर्ट के मुताबिक देश में जो दूध बिक रहा है, उसमें से 68.7 फीसदी दूध और उससे बनी चीजें मिलावटी हैं. यह दूध FSSAI के मानकों पर खरा नहीं उतरता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2018 में देश में दूध का उत्पादन 14.68 करोड़ लीटर पाया गया जबकि खपत प्रति व्यक्ति के हिसाब से 480 ग्राम प्रति दिन बनती है. अगर उत्पादन और खपत के बीच का अंतर देखा जाए तो यह 68 फीसदी के करीब सामने आता है.
मिलावट के सबसे ज्यादा मामले उत्तर राज्यों में सामने आए हैं. एक सर्वे के मुताबिक दूध की पैकिंग करते समय सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता. दूध में
डिटरजेंट मिलाने के कई मामले सामने आए हैं.
यह मिलावट लोगों की जान ले सकती है या उन्हें अपाहिज कर सकती है. WHO का कहना है कि अगर यह मिलावट बंद नहीं हुई तो 2025 तक 87 फीसदी भारतीयों को कैंसर हो जाएगा.