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शहीदों के परिवार को सहायता वेबसाइट के जरिए ही दें: गृह मंत्रालय

कुछ असमाजिक तत्व भारत के वीर की आड़ में लोगों से धोखाधड़ी कर रहे हैं. इससे बचने के लिए वेबसाइट के जरिए ही पेमेंट करें

FP Staff

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवानों की शहादत के बाद पूरे देश में गुस्सा है. शहीदों के घरवालों को आर्थिक मदद के लिए बहुत से लोग जुट गए हैं. इसके लिए केंद्र सरकार ने भारत के वीर www.bharatkeveer.gov.in नाम की वेबसाइट और मोबाइल एप लॉन्च किया है. लेकिन इसके जरिए भी कुछ लोग धोखाधड़ी में जुट गए हैं. जिसकी वजह से गृह मंत्रालय ने आज बयान जारी किया है.

गृह मंत्रालय ने कहा है कि, 'भारत के वीर एक ट्रस्ट है, जिसमें जनता केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों- बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एनएसजी, एसएसबी और असम राइफल्स के शहीदों के परिवारों को सहायता दे सकती है. इसका प्रबंधन सीएपीएफ के निदेशक जनरलों की समिति द्वारा किया जाता है.'


गृह मंत्रालय ने ये भी कहा कि- 'पिछले कुछ दिनों में वेबसाइट के माध्यम से योगदान करने के इच्छुक लोगों की जबरदस्त प्रतिक्रिया आई है. MHA इस समर्थन के लिए आभारी है. हालांकि, भारी ट्रैफिक के कारण, कभी-कभी वेबसाइट के धीमा हो जाने की सूचना मिलती है.'

इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने इस वेबसाइट के माध्यम से कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा धोखाधड़ी के मामलों पर भी प्रकाश डाला. गृह मंत्रालय ने कहा कि, 'यह भी पता चला है कि कुछ असमाजिक तत्व अन्य खातों के माध्यम से लोगों से योगदान मांग रहे हैं. यह सलाह दी जाती है कि सीएपीएफ के शहीदों के परिवारों के समर्थन के इच्छुक लोग सिर्फ केंद्र सरकार की वेबसाइट के माध्यम से ही योगदान दें. ये सारे अंशदान आयकर से मुक्त हैं.'

अगर आप भी जवानों के परिवार वालों को अपना योगदान देना चाहते हैं तो आइए हम आपको तरीका बताते हैं.

दान करने के लिए सबसे पहले वेबसाइट www.bharatkeveer.gov.in पर जाएं. होम पेज पर ‘दान करने के लिए यहां क्लिक करें’ (CLICK HERE TO CONTRIBUTE) के लिंक को क्लिक करें का एक ऑप्शन दिखेगा. इसे क्लिक करें. इसके बाद पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की फोटो दिखेगी. अब आप जिस भी शहीद जवान के परिवार को आर्थिक मदद पहुंचाना चाहते हैं, उनकी फोटो पर क्लिक कर अपनी वांछित राशि का दान कर दें. शहीदों के फोटो के साथ ये भी जानकारी दिख जाएगी कि अब तक उन्हें कितनी आर्थिक मदद मिल चुकी है.