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पहले महिलाएं पीरियड्स में किचन में नहीं जाती थीं, अब समय बदल गया है: केरल सीएम विजयन

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को समाज और महिलाओं के लिए एक सकारात्मक कदम करार दिया है

FP Staff

केरल के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा दिया है कि उनकी सरकार सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल नहीं करेगी. इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि लिंग या उम्र के आधार पर किसी को भी मंदिर में प्रवेश करने से रोका नहीं जा सकता.

विजयन ने कहा कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेगी. बीजेपी और आरएसएस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वे लोग स्थिति का फायदा उठा रहे हैं. उन्होंने कहा, 'पहले पीरियड्स के दौरान महिलाओं को किचन में जाने की भी इजाजत नहीं दी जाती थी, उन्हें घर के बाहर रखा जाता था. लेकिन वक्त के साथ यह सब बदल गया है. समाज के अलग-अलग तबके में समय-समय पर ऐसी गलत परंपराओं का विरोध होता रहा है.'


विजयन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को समाज और महिलाओं के लिए एक सकारात्मक कदम करार दिया है. उन्होंने कहा कि आज के दौर में महिलाएं दुनिया के हर कोने में, हर कार्यक्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रही हैं. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं को समानता का अधिकार देने के पक्ष में है.

विजयन ने कहा कि जो बीजेपी सबरीमाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रही है उसी ने 2016 में बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले को लागू करवाया था जिसमें महिलाओं के महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में प्रवेश की इजाजत दी गई थी.

मुख्यमंत्री ने कहा, 'बीजेपी सरकार या उनके कार्यकर्ताओं ने हाजी अली दरगाह में कोई प्रदर्शन नहीं किया जब सुप्रीम कोर्ट ने दो महिलाओं को अंदर जाने की

इजाजत दी थी. बीजेपी शासित महाराष्ट्र में उनकी राय है कि महिलाएं ऐसी जगहों में प्रवेश कर सकती हैं लेकिन केरल के लिए वे अलग सोचते हैं. यह

उनका दोहरा चरित्र है.'

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केरल के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कई जगहों पर महिलाएं भी इन विरोध प्रदर्शनों में शामिल हो रही हैं. सोमवार को नेशनल अयप्पा डिवोटी असोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दायर की है.