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'महिलाओं के प्रति सम्मान नहीं रखने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा'

विशेष न्यायाधीश संदीप यादव ने दोषी वीरेंद्र कुमार की एक साल की सजा को बरकरार रखते हुए मजिस्ट्रेटी अदालत के फैसले के खिलाफ उसकी अपील खारिज कर दी

Bhasha

यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को सुनाई गई जेल की सजा खारिज करने से इंकार करते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति सम्मान नहीं रखने वाले लोगों को सबक सिखाने की जरूरत है. महिलाओं की गरिमा भंग करने वाले व्यवहार के लिए सख्त सजा मिलेगी.

विशेष न्यायाधीश संदीप यादव ने दोषी वीरेंद्र कुमार की एक साल की सजा को बरकरार रखते हुए मजिस्ट्रेटी अदालत के फैसले के खिलाफ उसकी अपील खारिज कर दी. निचली अदालत ने अपराध को गंभीर बताते हुए उसे जेल भेज दिया था.


न्यायाधीश ने कहा, याचिकाकर्ता (कुमार) को सुनाई गई सजा न्यायसंगत, निष्पक्ष और उचित है और यह उसके अपराध की गंभीरता के अनुरूप है. उन्होंने कहा कि महिलाओं की मर्यादा का सम्मान नहीं करने वाले लोगों को सबक सिखाने की जरूरत है. महिलाओं की गरिमा भंग करने वाले व्यवहार के लिए सख्त सजा मिलेगी. महिलाओं पर हमले के साबित हो चुके ऐसे मामलों में नरमी नहीं बरती जा सकती.

अदालत ने उसपर 10,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया और यह राशि पीड़िता को दिए जाने का निर्देश दिया. अभियोजन के मुताबिक 25 मई, 2015 को पीड़िता मध्य दिल्ली में बाल्मीकि बस्ती में एमसीडी के एक शौचालय में गई थी तभी कुमार ने उसे पकड़ लिया था और उसे गलत तरीके से छुआ था.

अभियोजन के अनुसार महिला विवाहित है और उसने कुमार का विरोध किया. लकिन कुमार नहीं माना. उसने पीड़िता से प्यार का इकरार किया और साथ ही उसके चेहरे पर एसिड फेंकने की धमकी दी.