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पनवेल की 27 एकड़ संपत्ति से महाराष्ट्र सरकार को चूना लगाना चाहता था मेहुल चोकसी!

चोकसी ने पनवेल में 32 जमीन के प्लॉट खरीदे थे, जिसमें उसकी कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड (जीजीएल) के लिए स्पेशल इकोनॉमिक जोन बनाने की बात थी

FP Staff

PNB Scam में मुख्य आरोपियों में से एक मेहुल चोकसी के नाम पर एक और खुलासा हुआ है. एक रिपोर्ट में सामने आया है कि चोकसी ने पनवेल में 32 जमीन के प्लॉट खरीदे थे, जिसमें उसकी कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड (जीजीएल) के लिए स्पेशल इकोनॉमिक जोन बनाने की बात थी. लेकिन अब सामने आया है कि चोकसी ने ये जमीन इनकी कीमत बढ़ जाने पर इन्हें बेचकर प्रॉफिट कमाना चाहता था.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पनवेल के तहसीलदार दीपक अकडे ने रायगढ़ के कलेक्ट्रेट के सामने एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें ऐसे 32 प्लॉट्स का विवरण है, जो मेहुल चोकसी और उसके सहयोगियों के नाम पर हैं. ये पूरी जमीन 27 एकड़ की है, जो पनवेल के चिरवट, संगुरली और तुरमाले गांवों में फैली हुई है. इनमें से 27 प्लॉट्स चोकसी के नाम पर हैं.


अधिकारियों का कहना है कि उनका मानना है कि चोकसी ने इस जमीन से प्रॉफिट कमाने की कोशिश की होगी, लेकिन चूंकि इसे गीतांजलि ग्रुप के स्पेशल इकोनॉमिक जोन बनाने का प्लान बन नहीं पाया, इसलिए चोकसी ऐसा कर नहीं पाया.

बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में रायगढ़ के कलेक्टर ने अकडे से से जीजीएल के नाम से दर्ज संपत्तियों का ब्यौरा देने को कहा था. इसपर उनकी ओर से जवाब दिया गया था कि जीजीएल के नाम से कोई संपत्ति ही नहीं है. फिर पिछले महीने ही कलेक्ट्रेट की ओर से फिर चेक करने को कहा क्योंकि डेवलपमेंट कमिश्नर (इंडस्ट्रीज) की ओर से मार्च, 2008 में पनवेल में जीजीएल के स्पेशल इकोनॉमी जोन के लिए एक ऑर्डर पास किया गया था.

इसके बाद अकडे ने बुधवार को एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें सामने आया कि ये जमीनें जीजीएल के नाम से नहीं हैं. प्रस्तावित एसईजेड को मार्च, 2017 में ही केंद्र ने कैंसल कर दिया था. जीजीएल के कुछ स्टाफ इस मसले को लेकर राज्य के डेवलपमेंट कमिश्नर (इंडस्ट्रीज) से भी मिले लेकिन राज्य ने दो महीने बाद एसईजेड की अनुमति को भी वापस ले लिया.