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दुनिया से अलग है यह गांव, सीटी बजाकर लोग करते हैं बात

इस गांव के लोग आपस में जब बात करते हैं तो एक-दूसरे को संबोधित करने के लिए सीटी बजाते हैं

FP Staff

मेघालय में एक गांव ऐसा भी है जहां लोग एक दूसरे को पुकारने के लिए अनोखा अंदाज अपनाते हैं, वह आपस में बात नहीं करते बल्कि सीटी बजाते हैं. इस गांव के आस-पास के जंगलों में तमाम तरह की सीटियों की आवाजें सुनाई देती हैं.

कुछ लोग इन सीटियों को पक्षियों की आवाज मान लेते हैं लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. दरअसल ये आवाजें गांव के लोगों की होती हैं. इस गांव का नाम कॉन्गथॉन्ग है और यह भारत के उत्तर पूर्वी राज्य मेघालय का हिस्सा है.


इस गांव के लोग आपस में जब बात करते हैं तो एक-दूसरे को संबोधित करने के लिए सीटी बजाते हैं. इस गांव में हर बच्चे की मां एक खास संगीत या धुन बनाती है जिसके बाद आजीवन उस बच्चे को उसी धुन से बुलाया जाता है.

यहां रहने वाले ज्यादातर लोग खासी जनजाति से हैं. जिनके घर लकड़ी के और छत टिन से बनी होती है. हालांकि यहां रहने वाले लोगों के साधारण नाम भी होते हैं लेकिन उस नाम को लेकर उन्हें बहुत कम ही पुकारा जाता है.

इस गांव तक पहुंचना आसान नहीं है और यह बाकी दुनिया से कटा हुआ गांव है. यहां के लोगों का पूरा दिन जंगल में बांस की खोज में निकल जाता है, यही उनकी कमाई का जरिया है. अगर यहां विकास कार्यों की बात करें तो हैरान करने वाली बातें सामने आई हैं. इस गांव में साल 2000 में बिजली पहुंच पाई और अगर सड़क की बात करें तो 2013 में एक कच्ची सड़क का निर्माण हुआ था.