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नर्मदा बचाओ आंदोलन: 12वें दिन मेधा पाटकर को जबरन अनशन से हटाया

सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई तक पुनर्वास के बाद ही विस्थापन और बांध की ऊंचाई बढ़ाने का निर्देश दिया था

FP Staff

सरदार सरोवर बांध से बेघर होने वालों के हक के लिए नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को बेमियादी उपवास के 12वें दिन अनशन स्थल से जबरन हटा दिया गया है.

पुनर्वास के के बाद ही विस्थापन की मांग को लेकर मेधा अन्य 11 लोगों के साथ 27 जुलाई से अनिश्चितकालीन उपवास पर थीं. धार जिले के चिखिल्दा में चल रहे उपवास को विभिन्न दलों से लेकर सामाजिक संगठनों का साथ मिल रहा था.


नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ता अमूल्य निधि ने कार्रवाई से पहले बताया था कि, 'मेधा के स्वास्थ्य में काफी गिरावट आई है. यहां भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है, जिसके चलते लोग डरे हुए हैं. सरकार ने एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को भेजा था, उसके बाद से उसकी ओर से कोई कदम नहीं बढ़ाया गया है और न ही बातचीत का प्रयास किया गया है.'

मुख्यमंत्री ने की थी अनशन तोड़ने की अपील

मेधा की बिगड़ती तबीयत को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी चिंता जता चुके हैं और उनसे उपवास खत्म करने का आग्रह कर चुके हैं. उन्होंने इंदौर के संभागायुक्त संजय दुबे, अपर सचिव चंद्रशेखर बोरकर के साथ भय्यूजी महाराज को शनिवार को मेधा से संपर्क करने भेजा था, मगर बात नहीं बनी थी.

मालूम हो कि सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 138 मीटर किए जाने से मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी के 192 गांव और इनमें बसे 40 हजार परिवार प्रभावित होने वाले हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई तक पुनर्वास के बाद ही विस्थापन और बांध की ऊंचाई बढ़ाने का निर्देश दिया था और जहां नई बस्तियां बसाने की तैयारी चल रही हैं, वहां के हालत रहने लायक नहीं हैं.

(साभार: न्यूज़18 हिंदी)