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यूपी में नॉनवेज संकट! हड़ताल पर गए मीट कारोबारी

सोमवार से लखनऊ की 5000 नॉनवेज की दुकानें बंद रहेगी.

FP Staff

उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खानों पर हो रही कार्रवाई का विरोध करते हुए मांस विक्रेताओं सोमवार से हड़ताल पर हैं. मीट व्यापारियों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. हड़ताल में मटन और चिकन विक्रेताओं के बाद अब मछली कारोबारी भी शामिल हो गए हैं.

लखनऊ बकरा गोश्त व्यापार मंडल के पदाधिकारी मुबीन कुरैशी ने कहा, ‘हमने अपनी हड़ताल को और तेज करने का फैसला किया है. मांस की सभी दुकानें बंद रहेंगी. मछली विक्रेताओं ने भी इस हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है.’


अवैध बूचड़खानों के खिलाफ योगी सरकार की कार्रवाई से राजधानी लखनऊ में काफी हलचल है. नॉनवेज कारोबार से जुड़े तमाम कारोबारियों में इसको लेकर गुस्सा है. इसी कारण कई ट्रेडर्स एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. यानी सोमवार से राजधानी की 5000 नॉनवेज की दुकानें बंद रहेगी.

होटल रेस्‍त्रां कारोबार होगा प्रभावित

दरअसल, यूपी की राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के अनेक जिलों में बूचड़खाने बंद किए जाने से नॉनवेज परोसने वाले होटलों और रेस्त्रां को पहले से ही दिक्कत हो रही है. अब मीट कारोबारियों और मछली विक्रेताओ के भी हड़ताल पर जाने से ऐसे प्रतिष्ठानों पर बंदी का खतरा बढ़ने की आशंका है.

रोजी-रोटी पर संकट

कुरैशी ने कहा कि बूचड़खानों पर कार्रवाई के कारण लाखों लोगों की रोजी-रोटी पर संकट पैदा हो गया है.

हालांकि, लखनऊ में मांसाहार का होटल संचालित करने वाले शमील शम्सी ने प्रदेश में अवैध बूचड़खाने बंद किए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि अगर सूबे में मांस की किल्लत हुई तो हम दिल्ली से मटन मंगवाएंगे और भोजन की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अवैध बूचड़खानों में कुत्तों तक को काटा जा रहा है.

शम्सी ने एक सवाल पर कहा कि यह धर्म से जुड़ा मामला नहीं, बल्कि सीधे तौर पर लोगों की सेहत से जुड़ा मसला है. हर किसी को अच्छी गुणवत्ता का मांस और मछली खाने का अधिकार है.

कई बूचड़खाने हुए बंद

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनते ही बूचड़खानों पर कार्रवाई का सिलसिला तेज हो गया है. इलाहाबाद में दो बूचड़खानों को बंद करने किए जाने बाद आगरा और गाजियाबाद में पुलिस ने कई बूचड़खानों को बंद करा दिया है.

आगरा में दो बूचड़खाने खाने हैं, जिनमें से एक नगर निगम का है तो दूसरा बसपा के पूर्व विधायक का निजी बूचड़खाना है. इन दोनों बूचड़खानों को फिलहाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त तेवर के चलते दो दिन तक के लिए बंद कर दिए गया.

गाजियाबाद में जिला प्रशासन ने 15 बूचड़खानों को बंद कराया. पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कैला भट्टा इलाके के दर्जनभर अवैध बूचड़खानों को बंद करवा दिया. ये सभी बूचड़खाने अवैध रूप से चल रहे थे. बूचड़खाने बंद होने से इनसे जुड़े लोग बेरोजगार हो गए हैं. वे इस कार्रवाई के खिलाफ बवाल कर सकते हैं, इसलिए वहां भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है.

[खबर न्यूज़ 18 से साभार]