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मोदी सरकार की नाकामी पर बोले मनमोहन सिंह, दलितों और अल्पसंख्यकों में असुरक्षा का माहौल

'नोटबंदी गलत ढंग से लागू की गई और जीएसटी की वजह से कारोबार पर असर पड़ा. विदेशों में कथित तौर जमा धन को लाने के लिए कुछ नहीं किया गया.'

Bhasha

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नरेंद्र मोदी सरकार पर सभी मोर्चों पर नाकाम रहने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि अब देश में वैकल्पिक विमर्श पर गौर करने और अपनाने की जरूरत है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल की किताब 'शेड्स ऑफ ट्रुथ' के विमोचन के मौके पर मनमोहन सिंह ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. मोदी सरकार पर अपना हमलावर रुख अपनाते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि मौजूदा सरकार से किसान और नौजवान परेशान हैं. दूसरी तरफ दलितों और अल्पसंख्यकों में भी असुरक्षा का माहौल है.


वहीं मनमोहन ने किताब की प्रशंसा करते हुए कहा, 'यह किताब काफी अच्छी तरह शोध करने के बाद लिखी गई है. यह किताब मोदी सरकार का समग्र विश्लेषण है और सरकार की सारी नाकामियां बताती है. यह बताती है कि इस सरकार ने जो वादे किए, पूरे नहीं किए.' उन्होंने कहा, 'देश में कृषि संकट है. किसान परेशान हैं और आंदोलन कर रहे हैं. युवा नौकरियों का इंतजार कर रहे हैं.' वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि औद्योगिक उत्पादन और प्रगति थम गई है.

GST से कारोबार पर असर

देश की अर्थव्यवस्था पर बोलते हुए मनमोहन सिंह ने नोटबंदी और जीएसटी जैसे मुद्दों को भी उठाया. सिंह ने कहा, 'नोटबंदी गलत ढंग से लागू की गई और जीएसटी की वजह से कारोबार पर असर पड़ा. विदेशों में कथित तौर जमा धन को लाने के लिए कुछ नहीं किया गया. दलित और अल्पसंख्यक डरे हुए हैं.'

मनमोहन ने सरकार पर विदेश नीति के मोर्चे पर विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि पड़ोसियों के साथ हमारे संबंध खराब हुए हैं. इसके साथ ही मनमोहन सिंह ने कहा, 'शैक्षणिक आजादी पर अंकुश लगाया जा रहा है. विश्वविद्यालयों के माहौल को खराब किया जा रहा है.' उन्होंने कहा कि देश को वैकल्पिक विमर्श पर गौर करने और अपनाने की जरूरत है.